पिछले 8 सालों में कांग्रेस और कांग्रेस से जुड़े हुए नेताओं के खिलाफ झूठ का प्रचार करने की एक आंधी आई हुई है और इसका सबसे अधिक शिकार अगर कोई हुआ है तो वह राहुल गांधी है. राहुल गांधी के खिलाफ बीजेपी ने सबसे अधिक पैसा लगाया उनका दुष्प्रचार करने के लिए और इस बात को राहुल गांधी भी कई मंचों से कह चुके हैं.
जिस वक्त मनमोहन सिंह जी के नेतृत्व में यूपीए की सरकार चल रही थी उसी वक्त से राहुल गांधी के खिलाफ एक मशीनरी काम कर रही है जो कहीं ना कहीं बीजेपी और आरएसएस के इशारे पर ही काम कर रही है या यूं कहें कि उनके समर्थक ही राहुल गांधी के खिलाफ दुष्प्रचार को आगे बढ़ा रहे हैं.
मीडिया ने इसमें उनका भरपूर साथ दिया है या यह भी कह सकते हैं कि मीडिया में भी इसी विचारधारा से जुड़े हुए लोगों का इस वक्त बोलबाला है और वही इन झूठी बातों को आगे बढ़ाते हैं. इस दौर में देखा जाए तो कई ऐसे लोगों का बोलबाला है जिनकी कोई विचारधारा नहीं रही है, जो सत्ता के साथ पलटी मारते रहे हैं, वही लोग इस वक्त राहुल गांधी और कांग्रेस के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं और देश के जनमानस में राहुल गांधी के खिलाफ और कांग्रेस के खिलाफ नफरत का बीज बो रहे हैं.
लेकिन देखा जाए तो गलती इसमें उनकी नहीं है, दरअसल कांग्रेस के नेताओं की है. जिन लोगों ने राहुल गांधी के खिलाफ दुष्प्रचार किया है, कांग्रेस के खिलाफ देश की जनता के बीच झूठ का प्रचार करने में प्रयोग किया प्रमुख भूमिका निभाई, उन्हीं लोगों को कांग्रेस के नेताओं ने सर आंखों पर बिठाया. मनोज मुंतशिर (Manoj Muntashir) भी ऐसे ही एक उदाहरण है.
इससे पहले कवि कुमार विश्वास को भी कांग्रेस के नेताओं ने सर आंखों पर बिठाया. जबकि कांग्रेस के खिलाफ दुष्प्रचार में उन्होंने अन्ना आंदोलन के वक्त अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर प्रमुख भूमिका निभाई थी. कुमार विश्वास ने तो कई मौकों पर यह स्वीकार किया है कि राहुल गांधी को “पप्पू” उन्होंने ही कहा था. जबकि बाद में देखा गया कि कुमार विश्वास को कांग्रेस शासित राज्यों में कई तरह के फायदे दिए गए. कुमार विश्वास की पत्नी को कांग्रेस शासित राजस्थान में सरकारी लाभ तक दिया गया.
आगे हमें यह भी देखने को मिल सकता है कि राहुल गांधी के खिलाफ चाणक्य को कोट करते हुए जिस मनोज मुंतशिर ने इतनी घटिया बात कही है, उन्हीं मनोज मुंतशिर को हम कांग्रेस के नेताओं द्वारा कांग्रेस शासित राज्यों की सरकारों द्वारा लाभ लेते हुए देख सकते हैं. कांग्रेस के नेताओं की यह आदत रही है कि जिन्होंने भी कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है उन्हीं को कांग्रेस के नेताओं ने अपने पर्सनल फायदे के लिए लाभ पहुंचाया है. इससे कहीं ना कहीं यह पता चलता है कि कांग्रेस के अंदर ही ऐसे लोग मौजूद हैं जो कांग्रेस का नुकसान करने वालों को तवज्जो देते हैं.