हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी (Health Insurance Policy) धारक को वर्तमान में अस्पताल में एडमिट होने पर कुछ अमाउंट जमा करना होता है, जबकि बीमा नियामक आईआरडीएआई पॉलिसी होल्डर को जल्द पूरी तरह से कैशलेस यानी 100% कैशलैस क्लेम सेटेलमेंट सुविधा देने की तैयारी कर रहा है.
इसके साथ ही जनसंख्या को देखते हुए बीमा सेक्टर (Insurance Sector) में विस्तार, पूंजी निवेश और कंपनियों को लाने पर नियामक का जोर है. बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष देवाशीष पांडा ने कहा लगभग 70 से ज्यादा कंपनियों वाला भारतीय बीमा क्षेत्र अपनी 1.4 अरब आबादी की सेवा करने के लिए भी पूरा नहीं है. बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए इंडस्ट्री को अधिक बीमा कंपनियों की आवश्यकता है.
उन्होंने इंश्योरेंस क्लेम (Insurance Claim) दाखिल करने की आवश्यकता के बिना भविष्य के लिए अपना दृष्टिकोण व्यक्त करते हुए प्रोडक्ट और सर्विसेज बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया और कहा कि इंश्योरेंस के इस उभरते युग को आकार देने में टेक्नोलॉजी की केंद्रीय भूमिका होगी.
बीमा नियामक के अध्यक्ष ने ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में कहा कि सबसे बड़ी आबादी की जरूरत को पूरा करना मुट्ठी भर प्लेयर्स या कुछ प्रोडक्ट के साथ नहीं किया जा सकता. उन्होंने वर्तमान में काम कर रहे सर्विस प्रोवाइडर्स की संख्या को बेहद कम बताया. उन्होंने कहा कि पारंपरिक जोखिम वाले क्षेत्र जीवन, स्वास्थ्य, संपत्ति, मोटर या फसल में बीमा के विस्तार की गुंजाइश है.
उन्होंने कहा है कि अगले 10 साल इंश्योरेंस सेक्टर के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि जागरूकता के स्तर में वृद्धि को देते हुए इंडस्ट्री इंश्योरेंस प्रोडक्ट की प्रकृति के साथ-साथ कंपनियों द्वारा इसे वितरित करने के तरीके में भी बदलाव दिखेगा. उन्होंने 100% कैशलेस स्वास्थ्य बीमा हासिल करने की बात कही.
स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance)
आपको बता दें कि स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) एक प्रकार की बीमा है जो व्यक्ति के स्वास्थ्य से संबंधित चिकित्सा और शल्यक्रिया लेने पर उनकी बीमा राशि का भुगतान करती है. इसका उद्देश्य यह है कि लोगों को चिकित्सा के उच्च लेन-देनों से बचाया जा सके, ताकि उन्हें उनके स्वास्थ्य सेवाओं के लिए कितना खर्च करना पड़े.
स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के विभिन्न प्रकार होते हैं, जैसे कि हेल्थ मेंटेनेंस ऑर्गनाइजेशन्स (HMOs), प्रिफर्ड प्रोवाइडर ऑर्गनाइजेशन्स (PPOs), और पॉइंट ऑफ सर्विस (POS) योजनाएं. इन योजनाओं में चिकित्सा प्रदाताओं का चयन करने और विशेषज्ञों के पास रेफरल प्राप्त करने के बारे में विभिन्न नियम और प्रतिबंध होते हैं.
स्वास्थ्य बीमा प्राप्त करने के लिए व्यक्तिगत या उनके नियोक्ता आमतौर पर नियमित प्रीमियम भुगतान करते हैं. प्रीमियम्स विभिन्न योजना की कवरेज और व्यक्ति की आयु, स्थान और अन्य कारकों के आधार पर विभिन्न हो सकती हैं.