शाहरुख खान लगभग 3 साल बाद अब बड़े पर्दे पर वापसी कर रहे हैं. उनकी यह वापसी फिल्म पठान (Pathaan) के जरिए हो रही है. इसमें शाहरुख के साथ-साथ दीपिका पादुकोण और जॉन अब्राहम ने भी अहम भूमिका निभाई है. शाहरुख की वजह से तो पठान चर्चा में है ही साथ ही कई सारी कॉन्ट्रोवर्सी भी हो रही है.
पठान से जुड़े विवाद पर अब हाल ही में जावेद अख्तर ने भी अपने विचार व्यक्त किए हैं. फिल्म को लेकर कई विवाद उठे हैं, जिनमें बिकिनी विवाद भी शामिल है. जावेद अख्तर का इस पर कहना है कि फिल्म के मेकर्स को सेंसर बोर्ड पर भरोसा करना चाहिए. क्योंकि उनके पास अधिकार है कि वह फैसला कर सके की फिल्म का फाइनल रूप क्या होगा.
जावेद अख्तर से जब खास तौर पर बेशर्म रंग गाने के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि इस बात का फैसला नहीं कर सकते कि गाना सही है या गलत. इन सभी फैसलों के लिए एक एजेंसी बनाई गई है और फिर वह सरकार हो, मेकर्स या फिर समाज, आखरी का फैसला सभी को इस एजेंसी पर छोड़ना होगा और उन पर भरोसा करना होगा.
हर धर्म का अपना सेंसर बोर्ड होना चाहिए- जावेद अख्तर
मध्य प्रदेश के एक मंत्री ने दीपिका पादुकोण के एक सीन पर आपत्ति जताई थी और कहा था कि उनकी सरकार फैसला करेगी कि यह सीन दिखाया जाना चाहिए या नहीं. इस पर जावेद अख्तर ने कहा है कि अगर वह अपने प्रदेश के लिए अलग फैसला लेने की सोच रहे हैं तो फिर उनके लिए फिल्म भी अलग होनी चाहिए. इन मामलों में वह ज्यादा कुछ नहीं बोलना चाहते. धर्म सेंसर बोर्ड के गठन पर जावेद अख्तर ने कहा कि हर धर्म का अपना अलग सेंसर बोर्ड होना चाहिए.