सोशल मीडिया पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कंडेय काटजू (Markandey Katju) खूब एक्टिव रहते हैं. अब शाहरुख खान की फिल्म पठान पर भी उन्होंने अपनी राय रखी है. काटजू का कहना है कि वह शाहरुख खान की फिल्म पठान के विरोध में है और उन्होंने इसकी वजह भी बताई है. अपने ब्लॉग में मार्कंडेय काटजू ने लिखा है कि मैंने अतीत में पठान फिल्म की आलोचना की है, लेकिन अब विस्तार से बताना चाहता हूं.
मार्कंडेय काटजू (Markandey Katju Blog) ने लिखा है कि फिल्में कला का एक रूप है और कला के बारे में दो सिद्धांत है. पहला कला कला के लिए और दूसरा सामाजिक उद्देश्य के लिए कला. कला के यह दोनों रूप मनोरंजन प्रदान करते हैं. लेकिन कला केवल मनोरंजन प्रदान करने या हमारी सौंदर्य भावनाओं को अपील करने के लिए होनी चाहिए और यदि इसका उपयोग सामाजिक उद्देश्य के लिए किया जाता है तो यह कला नहीं रह जाती है और प्रचार बन जाता है.
दूसरी ओर दूसरे समर्थकों का मानना है कि कला को मनोरंजन प्रदान करने के अलावा सामाजिक प्रासंगिकता भी होनी चाहिए और लोगों को समाज में बेहतर बदलाव लाने के लिए प्रेरित करना चाहिए. मेरी राय में आज भारत में कला का दूसरा रूप (जहां तक साहित्य और फिल्मों का संबंध है) ही स्वीकार है. ऐसा इसलिए है क्योंकि आज हमारे लोग व्यापक गरीबी, भूखमरी, रिकॉर्ड और बढ़ती बेरोजगारी, आवश्यक वस्तुओं की आसमान छूती कीमतें लगभग पूरी तरह से कमी की समस्याओं का सामना कर रहे हैं. जनता के लिए उचित स्वास्थ्य सेवा और अच्छी शिक्षा आदि.
कुछ लोग कहते हैं कि लोगों को मनोरंजन भी चाहिए, यह सच है. लेकिन मनोरंजन को सामाजिक प्रासंगिकता के साथ जोड़ा जा सकता है. उदाहरण के रूप में राज कपूर की फिल्में जैसे आवारा, श्री 420, बूट पॉलिश, जागते रहो या सत्यजीत रे, चार्ली चैपलिन, यह भी बॉक्स ऑफिस पर हिट रही. लेकिन देव आनंद, राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन अभिनीत फिल्मों का कोई सामाजिक सरोकार नहीं है.
मैं भगवा ब्रिगेड के दक्षिणपंथी होने के कारण पठान के खिलाफ नहीं हूं या इसलिए कि मैं शाहरुख खान या दीपिका पादुकोण के खिलाफ हूं. मैं इसके खिलाफ हूं, क्योंकि इसकी कोई सामाजिक प्रासंगिकता नहीं है और यह केवल रोमांच प्रदान करता है. इसलिए मैं ऐसी फिल्मों को लोगों की अफीम मानता हूं, जो अन्य अफीमों जैसे धर्म, क्रिकेट, टीवी आदि की तरह लोगों का ध्यान और स्थाई रूप से देश के वास्तविक मुद्दों से गैर मुद्दों की ओर हटाने का काम करती है.
रोमन सम्राट कहते हैं, “यदि आप लोगों को रोटी नहीं दे सकते तो उन्हें सर्कस दें. आज वे कहते हैं लोगों को रोटी नहीं दे सकते तो पठान जैसी फिल्म दे दो.”
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कंडेय काटजू (Markandey Katju Social media) सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं और कई बार सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर भी आ जाते हैं. इस बार उन्होंने शाहरुख खान की फिल्म पठान की कंट्रोवर्सी पर अपनी राय रखी है. इससे पहले भी उन्होंने संक्षिप्त रूप में पठान का विरोध किया था.
आपको बता दें कि शाहरुख खान की फिल्म पठान ने अपने पहले वीकेंड पर इतिहास में नाम दर्ज करवा लिया है. इस फिल्म ने दुनिया भर में 500 करोड़ रुपए से अधिक का कलेक्शन कर लिया है. फिल्म दर्शकों को काफी पसंद आ रही है. शाहरुख के चाहने वाले दिल खोलकर फिल्म के लिए अपना प्यार लुटा रहे हैं. शाहरुख खान लंबे वक्त बाद बड़े पर्दे पर वापसी कर रहे हैं. जाहिर सी बात है बादशाह के फैंस के लिए यह सेलिब्रेशन का वक्त है.
फैंस की उम्मीदों पर शाहरुख पूरी तरह से खरे उतर रहे हैं. इमोशंस में माहिर शाहरुख को एक्शन करता देखना उनके फैंस के लिए पठान में किसी सरप्राइज एलिमेंट से कम नहीं है. इस फिल्म में एक परफेक्ट हीरो की परिभाषा को शाहरुख ने पूरा किया है. इसमें उनका इतना हैंडसम दिखना सोने पर सुहागा वाली बात है. वहीं दीपिका पादुकोण भी इस फिल्म में सरप्राइज करती हैं. ग्लैमरस के साथ-साथ पावर पैक एक्शन करती हुई दिखाई दी दीपिका.