कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने जम्मू कश्मीर कांग्रेस के कैंपेन कमेटी चीफ का पद ठुकरा दिया है. कांग्रेस ने मंगलवार को ही गुलाम नबी आजाद को कश्मीर में कैंपेन कमेटी समेत कई समितियों का प्रमुख बनाने का ऐलान किया था. जानकारी के मुताबिक गुलाम नबी इस बात से नाराज हैं कि उनकी सिफारिशों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया. इसलिए उन्होंने कैंपेन और राजनीतिक समिति दोनों से इस्तीफा दे दिया. हालांकि खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया है उन्होंने.
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गुलाम नबी आजाद ने पार्टी नेतृत्व को अपनी मंशा जाहिर कर दी थी और कहा था कि उन्हें कोई पद नहीं चाहिए. इसके बाद भी उनके नाम का ऐलान किया गया. मंगलवार को ही नियुक्त किए गए जम्मू कश्मीर कांग्रेस के नए अध्यक्ष विकार रसूल वाणी को गुलाम नबी आजाद का बेहद खास माना जाता है. आपको बता दें कि ऐसी खबरें हैं कि जल्द ही जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं. ऐसे में कांग्रेस ने अपनी तैयारियों को अमली जामा पहनाना शुरू कर दिया है.
आपको बता दें कि गुलाम नबी आजाद g-23 के प्रमुख सदस्य रहे हैं. पिछले दिनों इस गुट ने काफी हंगामा मचाया था. कांग्रेस के अंदर की खबरों को बाहर लाने के आरोप भी इस ग्रुप पर लगे थे. मीडिया में आकर गुलाम नबी आजाद ने भी पिछले दिनों काफी बयानबाजी की थी. हालांकि इस ग्रुप का अब कोई वजूद बचा नहीं है.
2014 में हुए बीते विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के 12 विधायक जीते थे. इससे पहले 2008 से 2014 के बीच नेशनल कांफ्रेंस के नेतृत्व में कांग्रेस गठबंधन सरकार में शामिल थी. अब तक यह साफ नहीं है कि आगामी चुनाव में कांग्रेस किसी गठबंधन में शामिल होगी या नहीं. आपको बता दें कि 2019 में मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया था.