गुजरात चुनाव (Gujrat Election 2022) के लिए कांग्रेस पार्टी ने बड़े नेताओं को चुनावी प्रबंधन में लगा दिया है. अभी तक राजनीतिक विश्लेषकों का मानना था कि कांग्रेस गुजरात में एक्टिव दिखाई नहीं दे रही है जबकि बीजेपी और आम आदमी पार्टी का शोर सुनाई दे रहा है. लेकिन अब राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आम आदमी पार्टी धीरे-धीरे गुजरात विधानसभा चुनावों से पहले कमजोर होती हुई दिखाई दे रही है. वहीं कांग्रेस एक बार फिर से चुनावी मुकाबले में आ रही है और एक बार फिर से गुजरात विधानसभा चुनाव बीजेपी बनाम कांग्रेस होता हुआ दिखाई दे रहा है.
कांग्रेस ने सोमवार को गुजरात के लिए जोनल, लोकसभा और अन्य पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है. यह नियुक्तियां तत्काल प्रभाव से लागू होंगी. पार्टी ने 5 जोनल और 32 लोकसभा और पांच अन्य पर्यवेक्षक बनाए हैं. मुकुल वासनिक को दक्षिण, मोहन प्रकाश को सौराष्ट्र, पृथ्वीराज चौव्हाण को मध्य और बीके हरिप्रसाद और के एच मुनियप्पा को उत्तर गुजरात का प्रभारी बनाया गया है. इसके अलावा कांग्रेस ने गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए रविवार को 39 उम्मीदवारों की नई सूची भी जारी की है.
गुजरात विधानसभा चुनाव में अभी तक मीडिया में बीजेपी तथा आम आदमी पार्टी का शोर सुनाई दे रहा था. लेकिन गुजरात विधानसभा चुनाव को कवर करने वाले पत्रकारों द्वारा भी अब बताया जा रहा है कि गुजरात चुनाव में कांग्रेस वापसी करती हुई दिखाई दे रही है और गुजरात विधानसभा चुनाव का माहौल असल में गांवों में दिखाई दे रहा है. आपको बता दें कि गांव में कांग्रेस हमेशा से बेहतर प्रदर्शन करती आई है.
गुजरात विधानसभा चुनावों के लिए आम आदमी पार्टी ने काफी आक्रामक चुनाव प्रचार शुरू किया था लेकिन धीरे-धीरे आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल का शोर थमता हुआ दिखाई दे रहा है. अरविंद केजरीवाल शुरू से ही गुजरात में हिंदुत्व कार्ड खेलते हुए दिखाई दे रहे थे. लेकिन बीजेपी के आगे यह कार्ड उनका चलता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है और इसी के चलते कहीं ना कहीं उनके हाथों से गुजरात का मुस्लिम वोट बैंक भी खिसक चुका है, जो यह देखकर वोट करता है कि विपक्ष में कौन सी पार्टी बीजेपी को हरा सकती है.
गुजरात विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी की भी रैलियां होंगी ऐसी संभावनाएं जताई जा रही हैं और मीडिया सूत्रों द्वारा भी यह बताया जा रहा है कि राहुल गांधी कुछ रैलियों को संबोधित कर सकते हैं. हालांकि राहुल गांधी इस वक्त भारत जोड़ो यात्रा में है और इस यात्रा को जनता का काफी समर्थन मिलता हुआ दिखाई दे रहा है. इसके अलावा इस यात्रा को बुद्धिजीवी वर्ग भी समर्थन दे रहा है.