ऑरमैक्स मीडिया ने हिंदी की मोस्ट अवेटेड टॉप पांच फिल्मों की एक लिस्ट जारी की है. लिस्ट में दक्षिण भारत के सुपरस्टार यश की सुपर एक्शन ड्रामा केजीएफ चैप्टर 2 (KGF Chapter 2) टॉप पर है. अब आप आश्चर्य करेंगे कि हिंदी की कई फिल्में बनकर रिलीज के लिए तैयार हैं.
मगर हिंदी दर्शकों की बेसब्री बॉलीवुड स्टार्स की बजाय दक्षिण के सितारों की हिंदी फिल्मों में हैं. जबकि ऐसा भी नहीं है कि हिंदी सितारों की फिल्में स्केल या अन्य दूसरे पहलुओं पर फिलहाल कमजोर हों. साल 2018 में आया केजीएफ का पहला पार्ट भी हिंदी दर्शकों के बीच जबरदस्त हिट साबित हुआ था.
पहले पार्ट ने जिस तरह बॉक्स ऑफिस पर कारोबार किया, ट्रेड एक्सपर्ट को भी इसका अंदाजा नहीं था. मूलत: कन्नड़ में बनी फिल्म के हिंदी वर्जन ने करीब 45 करोड़ रुपए तक का कारोबार किया. उस वक्त ये कलेक्शन कई हिंदी फिल्मों से बेहतर था. जबकि स्टारकास्ट हिंदी दर्शकों के लिए लगभग अपरिचित थी. निर्माता इतने उत्साहित हैं कि दूसरे पार्ट के लिए हिंदी दर्शकों को और आकर्षित करने पर काम किया. फिल्म में संजय दत्त जैसे सितारों को भी जोड़ा गया.
ऑरमैक्स की स्टडी से साफ पता चल रहा है कि दूसरा चैप्टर भी जादू दिखाने के लिए तैयार है. केजीफ चैप्टर 2 को प्रशांतनाथ नील ने लिखा और निर्देशित किया है. यश के अपोजिट श्रीनिधि शेट्टी हैं. जबकि संजय दत्त विलेन की भूमिका में नजर आने वाले हैं. प्रकाश राज और रवीना टंडन भी अहम भूमिकाओं में हैं. कन्नड़, तमिल हिंदी, तेलुगु और मलयालम में आ रही फिल्म को पहले इसी साल अक्तूबर तक रिलीज करने की चर्चाएं थीं.
मगर निर्माताओं ने करोना महामारी में सिनेमाघरों की खराब हालत को देखते हुए अगले साल पोस्टफोन कर दिया. फिल्म अब 14 अप्रैल 2022 में रिलीज होगी. ऑरमैक्स की स्टडी में हैरान करने भी वाली बात यह भी है कि मोस्ट अवेटेड फिल्म कैटेगरी में बॉलीवुड के दिग्गज सितारों की फिल्म कमजोर नजर आ रही है. दूसरे नंबर पर भी बाहुबली फेम एसएस राजमौली की RRR है. पीरियड ड्रामा फिल्म की मुख्य स्तारकास्ट में राम चरण तेजा और जूनियर एनटीआर हैं.
आलिया भट्ट और अजय देवगन भी अहम भूमिकाओं में हैं. इस लिस्ट में बॉलीवुड के दिग्गज सितारों से सजी ब्रह्मास्त्र तीसरे नंबर पर है. ब्रह्मास्त्र में रणबीर कपूर और आलिया भट्ट के साथ अमिताभ बच्चन और नागार्जुन जैसे सितारें नजर आने वाले हैं. ब्रह्मास्त्र बहुत बड़े स्केल पर बन रही फिल्म है. ऑरमैक्स ने जो लिस्ट जारी की है उन फिल्मों का ट्रेलर अभी रिलीज नहीं हुआ है. टॉप फिल्मों की लिस्ट नीचे देख सकते हैं. ये आंकलन सितंबर 15 तक का है.
क्या दक्षिण की चुनौती के आगे कमजोर दिख रहा बॉलीवुड?
बाहुबली, काला, कबाली जैसी फिल्मों की बेशुमार सफलता के बाद दक्षिण की इंडस्ट्री ने बॉलीवुड के सामने बड़ी चुनौती पेश कर दी है. चुनौती दो तरह की है. एक तो साउथ का सिनेमा ज्यादा बोल्ड और क्रिएटिव नजर आ रहा है. साउथ में अब बड़े स्केल की फिल्में पैन इंडिया बन रही हैं. व्यापक पैमाने पर अपील क्षमता की वजह से इसका असर यह हुआ कि बॉलीवुड सितारों के स्टारडम को सीधे चुनौती मिल रही है.
रजनीकांत और कमल हासन जैसे अभिनेता तो हमेशा से हिंदी में स्वीकार रहे, मगर यह लकीर बहुत छोटी थी. पहले बाहुबली और फिर ओटीटी ने इसे बदला, आज तारीख में प्रभाष, महेश बाबू, मोहनलाल, रामचरण तेजा, धनुष और जूनियर एनटीआर हिंदी दर्शकों के लिए अनजाने चेहरे नहीं हैं. भारतीय सिनेमा के लिहाज से ये अच्छी बात है, लेकिन हिंदी इंडस्ट्री का अपना दबदबा इससे कमजोर कमजोर होगा. कमजोर होता भी दिख रहा है.
बहुत कम उदाहरण मिलेंगे जब हिंदी की फिल्में दक्षिण की भाषाओं में डब की जा रही हों. रीमेक जरूर हिंदी से दूसरी क्षेत्रीय भाषाओं में बन रहे हैं और क्षेत्रीय से हिंदी में भी. पर यह भी तो साफ दिख रहा है कि ओटीटी मजबूत होने के साथ बॉलीवुड रीजनल के आगे कमजोर नजर आने लगे हैं. असल में देखा जाए तो ओटीटी प्लेटफॉर्म ने कंटेंट को देखने का नजरिया ही नहीं बदला है बल्कि भाषाओं की दीवार को भी तोड़ दिया. और स्टार पावर को भी एक नए स्तर पर परिभाषित करता दिख रहा है.
पहले दर्शक स्टार लाते थे अब थे, अब कंटेंट हैं. दीवार एकतरफा टूटती नजर आ रही है. जिस तरह रीजनल कंटेंट ने दूसरी भाषाओं से दर्शक जुटाए हैं, साफ दिख रहा है कि हिंदी कंटेंट उसके मुकाबले कमजोर है. लगता तो यही कि दर्शकों को फर्क नहीं पड़ता कि फिल्म किस इंडस्ट्री की है और हीरो कौन है. सिनेमा का एक नया इको सिस्टम तैयार हो रहा है.