महाराष्ट्र की सियासत मे हर मिनट कुछ ना कुछ बदल रहा है. उद्धव सरकार (Uddhav government) पर संकट के बादल लगातार गहरे होते जा रहे हैं. जानकारी के मुताबिक शिवसेना की कुल 55 विधायकों में से सिर्फ 16 विधायक उद्धव ठाकरे की तरफ बचे हुए हैं. ऐसे में पार्टी में खलबली मची हुई है. कुल मिलाकर महाराष्ट्र की राजनीति में एकनाथ शिंदे भूचाल लेकर आए हुए हैं. इसका अंजाम आने वाले कुछ दिनों में क्या होगा वह भी पता चलेगा.
इस बीच शिवसेना ने इमरजेंसी मीटिंग बुला ली है. इस मीटिंग में शिवसेना ने सभी पदाधिकारियों को बुलाया है. यह मीटिंग दादर में स्थित शिवसेना भवन में होगी. सबसे बड़ी बात यह है कि शिवसेना के अंदर बगावत कितनी बड़ी है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शिवसेना की मीटिंग में सिर्फ 12 विधायक पहुंचे हैं. जबकि महाराष्ट्र में शिवसेना के 55 विधायक हैं. एकनाथ शिंदे पहले ही दावा कर चुके हैं कि शिवसेना के 38 विधायक उनके साथ हैं.
इस बीच उद्धव ठाकरे को समर्थन देने वाले विधायकों ने प्रेस कांफ्रेंस करके एकनाथ शिंदे पर गंभीर आरोप लगाए हैं. इस बैठक में मौजूद शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि हमारे विधायकों को अगवा किया गया. उन्होंने कहा है कि 21 विधायक हमारे संपर्क में हैं.
इस बीच बागी विधायकों की तस्वीर भी आ गई है. गुवाहाटी के होटल में एकनाथ शिंदे के साथ महाराष्ट्र के 42 बागी विधायक एक साथ बैठे हुए दिखाई दे रहे हैं. वीडियो में बागी विधायक “शिंदे साहब तुम आगे बढ़ो, हम तुम्हारे साथ हैं” नारे लगा रहे हैं. इन विधायकों में 35 विधायक की शिवसेना के हैं तो 7 विधायक निर्दलीय है.
एकनाथ शिंदे के साथ जिन विधायकों की फोटो और वीडियो सामने आई है उसमें शिवसेना जिंदाबाद के नारे भी लगाए जा रहे हैं. मतलब साफ है उद्धव ठाकरे से शिवसेना भी छीनने की फिराक में है एकनाथ शिंदे. लेकिन क्या इसमें उन्हें कामयाबी मिलेगी? इसके लिए अभी थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा. आने वाले कुछ दिनों में महाराष्ट्र की सियासत में हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिल सकता है.
अभी की जो तस्वीरें हैं, उससे यह साफ है कि उद्धव सरकार का गिरना अब लगभग तय हो गया है. सूत्रों के मुताबिक सरकार गठन और आगे की प्रक्रिया को लेकर महाराष्ट्र बीजेपी में भी बैठक शुरू हो चुकी है. बीजेपी ने शिंदे को महाराष्ट्र कैबिनेट में 8 कैबिनेट रैंक और 5 राज्य मंत्री रैंक का ऑफर दिया है. साथ ही केंद्र में भी दो मंत्री पद देने की पेशकश की है.
बीते कुछ दिनों में महाराष्ट्र में अचानक बदले राजनीतिक घटनाक्रम की वजह कुछ भी नई नहीं है. महाराष्ट्र के राजनीतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को विधायकों की नाराजगी का अंदाजा था, क्योंकि विधायकों की शिकायतों का अंबार उद्धव ठाकरे के पास लगातार पहुंच रहा था. शुरुआत में तो कुछ शिकायतों का मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने निराकरण किया. लेकिन बाद में ज्यादातर विधायकों की अलग-अलग तरह की शिकायतों को नजरअंदाज करना शुरू कर दिया.