कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में कांग्रेस नेताओं ने रविवार को विधानसभा के चुनावों में मिली हार के कारणों और आगे की रणनीति को लेकर विस्तृत चर्चा की है. यह बैठक लगभग 4 घंटे चली है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस की शीर्ष नीति निर्धारक इकाई सीडब्ल्यूसी बैठक पार्टी मुख्यालय में हुई.
जिस वक्त यह बैठक हो रही थी उस समय कांग्रेस कार्यालय के बाहर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी कर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को फिर से अध्यक्ष बनाने की मांग की. बैठक में सोनिया गांधी के अलावा पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी, वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, मल्लिकार्जुन खड़गे, अशोक गहलोत सहित कई नेता मौजूद थे.
इस बैठक के एक दिन पहले मीडिया द्वारा यह खबर फैलाई गई थी कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी तथा राहुल गांधी इस्तीफा दे सकते हैं. हालांकि इस खबर का कांग्रेस ने खंडन किया था और इसे शरारत पूर्ण बताया था.
सीडब्ल्यूसी की बैठक से पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तरफ से बयान दिया गया कि, राहुल गांधी को फिर से कांग्रेस का अध्यक्ष बनाना चाहिए. अशोक गहलोत ने कहा कि आज के समय में राहुल गांधी देश के इकलौते नेता है जो पूरे दमखम के साथ प्रधानमंत्री मोदी का मुकाबला कर सकते हैं.
अशोक गहलोत ने कहा है कि बीजेपी हिंदुत्व के नाम पर ध्रुवीकरण कर रही है. यह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सबको साथ लेकर चली है, तभी हम लोग यहां तक पहुंचे हैं. यह लोग अलग आग लगाते हैं, हम बुझाते हैं, इस लिए मुश्किल होती है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व पर कोई सवाल नहीं है. मीडिया के जरिए बीजेपी यह काम कर रही है.
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव को लेकर अशोक गहलोत की तरफ से कहा गया है कि बीजेपी ने इन चुनावों में हिंदुओं के नाम पर ध्रुवीकरण किया है. यह अभी कोई जीत है, जो जाति धर्म के नाम पर बैठकर हासिल की जाए? उन्होंने कहा कि बीजेपी लोगों को बांट कर चुनाव जीत रही है. ऐसी जीत को जीत नहीं कहा जा सकता.
आपको बता दें कि यह बैठक उस समय हो रही है जब कांग्रेस ने पंजाब में अपनी सत्ता गवा दी है और उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में भी उसे करारी हार का सामना करना पड़ा है. सोनिया गांधी पिछले कुछ समय से सक्रिय रूप से प्रचार नहीं कर रही हैं. प्रियंका गांधी के साथ राहुल गांधी कांग्रेस के स्टार प्रचारक रहे हैं. पार्टी के महत्वपूर्ण फैसलों में भी इन दोनों की ही भूमिका नजर आती है.
पार्टी के महत्वपूर्ण फैसलों में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की भूमिका साफ नजर आती है और यही चीज g-23 के नेताओं को रास नहीं आ रही है. g-23 के नेता अपना पूरा जोर लगा रहे हैं कि गांधी परिवार के हाथ से कांग्रेस बाहर आए. जबकि यही g-23 के नेता चुनावों के वक्त किसी भी चुनावी सभा में नजर नहीं आए, कांग्रेस के लिए कैंपेन करते हुए नजर नहीं आए.