“आश्रम 3” (Ashram 3) रिलीज के साथ ही चारों तरफ छा गई है. हर कोई बाबा निराला के अनेकों रूप और ईशा गुप्ता की एंट्री को लेकर बात कर रहा है. ऐसे में अगर आपने अभी तक यह वेब सीरीज नहीं देखी है और देखने का सोच रहे हैं तो उससे पहले रिव्यु जान लीजिए.
एमएक्स प्लेयर की मशहूर सीरीज आश्रम की तीसरी किस्त 3 जून 2022 को रिलीज हो गई है. बॉबी देवल, चंदन रॉय सान्याल, दर्शन कुमार, अनुप्रिया गोयंका, आदिति पोहानकर, त्रिद्धा चौधरी से लेकर ईशा गुप्ता जैसे कलाकारों से सजी “आश्रम 3” वेब सीरीज देखने का अनुभव बिल्कुल वैसा ही रहा जैसे पहले 2 सीजन देख कर लगा.
वही मसाला वही कहानी है, लेकिन नए मोड़ पर प्रकाश झा दर्शकों को लेकर पहुंच चुके हैं.
बदनाम आश्रम के “निराला बाबा” और भोपा सिंह की काली करतूतों का पर्दाफाश इस बार होगा? क्या पम्मी बाबा निराला का काम तमाम कर देगी? क्या आश्रम 4 भी देखने को मिलेगी? अगर आपके मन में यही सवाल है तो इनके जवाब भी वेब सीरीज के सभी एपिसोड देखने के बाद साफ हो जाएगा और वही हम बताने वाले हैं.
“आश्रम 2” में दर्शकों ने देखा था कि दलित परिवार की लड़की पम्मी बाबा निराला के चुंगल से भाग चुकी है. यहीं से आश्रम 3 की कहानी नए मोड़ के साथ शुरू होती है. बाबा निराला का साम्राज्य पिछली बार से भी ज्यादा फैल चुका है. वह अब सिर्फ बाबा नहीं रहा बल्कि भगवान बन चुका है. उसका घमंड उसे और आक्रमक बनाता है.
बाबा निराला और भोपा सिंह ने पाखंड और काली करतूतों से अपना साम्राज्य कई गुना बढ़ा लिया है. शहर का बच्चा-बच्चा उसकी झूठी आस्था में फंस चुका है.
सांस्कृतिक और आस्था की आड़ में उसने बड़े बड़े बिजनेसमैन और नेताओं को अपनी मुट्ठी में ले चुका है. अब इतने शक्तिशाली बन चुके निराला का सामना पम्मी कैसे करती है? यह आप वेब सीरीज में देखकर ही एंजॉय करें. हां इसकी खास बात यह है कि “आश्रम 3” आपको अपने साथ नदी की धारा की तरह कल कल बाहर कर ले जाती है. आप इसे एपिसोड 2 एपिसोड देखते चले जाएंगे.
बॉबी देओल के तेवर कायम
वेब सीरीज एक बदनाम आश्रम को 10 एपिसोड तक देखने की ललक कहे या फिर मजबूरी सिर्फ इसमें दो प्रमुख कलाकारों बॉबी देओल और चंदन रॉय सान्याल की वजह से बनी रहती है. इस वेब सीरीज में भी बॉबी देओल ने अपने तेवर कायम रखे हैं. एक भ्रष्ट, धूर्त, सत्तालोलुप बाबा के किरदार ने ही बॉबी देओल की अभिनय क्षमता से दुनिया को परिचित कराया है. लोगों ने इसे समझा भी लेकिन उनके इस रंग रूप के मुफीद कहानियां उन तक अभी और पहुंचनी जरूरी है.
महिला किरदार
प्रकाश झा ने वेब सीरीज बदनाम आश्रम के तीसरे सीजन तक आते-आते महिलाओं को लेकर अपनी वह नजर खो दी है. इस पूरी वेब सीरीज का हर महिला किरदार पुरुषों की निगाहों से होने वाले एक्सरे से गुजरता रहता है. ईशा गुप्ता तक को उन्होंने पेश किया तो एक ऐसे नजरिया से जो उनके किरदार की गरिमा को गिरा रहा है. जो उम्मीद ईशा गुप्ता को लेकर दर्शक कर रहे थे वैसा कुछ ईशा गुप्ता ने कमाल इस वेब सीरीज में नहीं किया है. ईशा गुप्ता के इंटिमेट सींस भी इस वेब सीरीज में नहीं है.
अदिति पोहनकर कि अभिनय कथा भी इस वेब सीरीज के तीसरे पार्ट में खोखली नजर आ रही है. उनके पास हर दृश्य के लिए तयशुदा भाव नजर आता है. अनुरिता झा ने अपना असर इस वेब सीरीज के तीसरे सीजन में छोड़ा है. उनकी भूमिका संक्षिप्त है, लेकिन असरदार है. किरदार मिले तो वह डिजिटल की अगली “राधिका आप्टे” साबित हो सकती हैं. बाकी इस तीसरे सीजन में महिलाओं के किरदार को दरकिनार किया गया है. ईशा गुप्ता का किरदार इस वेब सीरीज में बेहतर कर सकता था, लेकिन घिसी पिटी कहानी की वजह से अदाकारा का अभिनय कुछ खास नहीं लगा.
आपको बता दें कि आश्रम सीरीज से गंगाजल, अपहरण, सत्याग्रह, राजनीति, आरक्षण और चक्रव्यूह जैसी फिल्में बनाने वाले प्रकाश झा ने को OTT डेब्यू किया था. उनके काम की जो बारीकी और परफेक्शन फिल्मों में देखने को मिलता है वही चीज आश्रम के तीसरे सीजन में देखने को मिली है. कसी हुई कहानी को उन्होंने पर्दे पर शानदार तरीके से उतारा है. प्रकाश झा की खासियत यह है कि वह कलाकारों की खूबी को पहचानते हैं, वह जानते हैं कि कलाकार की प्रतिभा का सही इस्तेमाल कैसे करना है.