Rahul Gandhi ABP News

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) जनता से जुड़े हुए हर मुद्दे पर सरकार के खिलाफ मुखर होकर आवाज बुलंद करते रहे हैं. चाहे महंगाई का मामला हो या फिर बेरोजगारी का या फिर बढ़ते अपराध और कानून व्यवस्था से जुड़े हुए मसले हो, राहुल गांधी हमेशा जनता के मुद्दों को अपनी आवाज देते रहे हैं.

राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हुए मसलों पर भी राहुल गांधी मोदी सरकार के खिलाफ मुखरता से आवाज बुलंद करते रहे हैं. मीडिया का रवैया राहुल गांधी के प्रति वैसा नहीं है जो प्रधानमंत्री मोदी के लिए है या यूं कह सकते हैं कि मीडिया राहुल गांधी को जनता के सामने बदनाम करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ता है. सवाल यह है कि मीडिया राहुल गांधी को आखिर किसके इशारे पर बदनाम कर रहा है?

राहुल गांधी जनता के मुद्दों को उठाते रहते हैं उसके बावजूद मीडिया राहुल गांधी को वह जगह क्यों नहीं देता जो उन्हें मिलनी चाहिए? राहुल गांधी से सबसे अधिक दर बीजेपी और आरएसएस को है. लेकिन मीडिया को आखिर किस बात का डर है जो विपक्ष के सबसे बड़े नेता को बदनाम करने में दिन-रात लगा रहता है? मीडिया राहुल के खिलाफ सत्ता के इशारे पर साजिश रचता रहता है, यह बात पूरा देश जानता है. लेकिन एबीपी न्यूज़ ने इस बार वह करके दिखाया है जिसकी उम्मीद शायद ही किसी को रही हो.

एबीपी न्यूज़ ने इस बार खुद को पूरी तरीके से एक्सपोज कर दिया है. आने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव को लेकर एबीपी न्यूज़ ने एक सर्वे दिखाया. एबीपी न्यूज़ का यह सर्वे सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है, जिसकी हेडिंग में एबीपी न्यूज़ की तरफ से लिखा गया है कि, 5 चुनावी राज्यों में राहुल गांधी के काम से 40 फीसदी लोग बिल्कुल खुश नहीं. एबीपी न्यूज़ के सर्वे पर सवाल कई है. लेकिन कुछ सवाल है जो तुरंत पूछे जाने चाहिए. एबीपी न्यूज़ की तरफ से अपने सर्वे पर हेडिंग दी गई कि राहुल गांधी के काम से 40 फ़ीसदी लोग बिल्कुल खुश नहीं है.

इसका मतलब यह हुआ कि 60 फ़ीसदी लोग राहुल गांधी से खुश हैं. जब राहुल से संतुष्ट होने वालों का प्रतिशत अधिक है फिर एबीपी न्यूज़ की हेडलाइन इसके ठीक उलट क्यों थी? 60 फ़ीसदी लोग राहुल गांधी के काम से खुश हैं यह क्यों नहीं थी? एबीपी न्यूज़ से सवाल है कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी के काम से कितने प्रतिशत लोग खुश हैं, यह कौन सा सवाल हुआ? क्या राहुल गांधी इस देश के प्रधानमंत्री हैं, किसी राज्य के मुख्यमंत्री हैं?

राहुल गांधी को आखिर किसके इशारे पर मीडिया जनता के सामने बदनाम करने की कोशिश कर रही है?  मीडिया बीजेपी के हाथ का खिलौना है यह तो सभी जानते हैं. लेकिन पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी के काम से खुश होने का सवाल ही कैसे हुआ, प्रधानमंत्री मोदी के काम से कितने पर्सेंट लोग ख़ुश हैं, सवाल तो यह होना चाहिए.

जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं उनमें से पंजाब को छोड़कर बाकी के 4 राज्यों में बीजेपी की सरकार है. फिर राहुल गांधी या फिर कांग्रेस के किसी नेता के काम से पांच राज्यों में जनता कितनी खुश है, ऐसा सवाल आखिर एबीपी न्यूज़ की तरफ से क्यों दिया गया और उसका जवाब भी जो था वही क्यों नहीं लिखा गया? जवाब था 60 पर्सेंट लोग खुश है. फिर 40 पर्सेंट लोग नाखुश हैं ऐसी हेडलाइन देकर मीडिया क्या साबित करना चाहता है? एबीपी न्यूज़ क्या साबित करना चाहता है?

महंगाई को लेकर, बढ़ते अपराध को लेकर, लचर कानून व्यवस्था को लेकर, बीजेपी के अंदर अपराधियों की बढ़ती हुई संख्या को लेकर मीडिया बीजेपी से सवाल करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है, एबीपी न्यूज़ सवाल करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है. फिर जनता से यही सवाल करके उसका सही जवाब देश के सामने रखने की भी हिम्मत पूरी मीडिया और एबीपी न्यूज़ नहीं जुटा पा रहा है.

मीडिया के सामने सबसे आसान टारगेट कांग्रेस के नेता और गांधी परिवार दिखाई देते हैं और पैसों के लालच में बिकी हुई मीडिया और बीजेपी के डर से घुटने टेक चुकी मीडिया, जनता का साथ देकर, जनता के सवालों को अपने प्लेटफार्म पर जगह देकर, सीधे देश के प्रधानमंत्री को कटघरे में खड़ा कर के सवाल करने की जगह कांग्रेस के नेताओं को और गांधी परिवार को बेवजह बदनाम कर के आखिर कौन सा फर्ज निभा रहा है?

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