रूस इस वक्त एक महाशक्ति है और वह एक छोटे से देश यूक्रेन से भिड़ गया है. लेकिन यह युद्ध कितना विकराल रूप ले सकता है इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है. यूक्रेन घुटने टेकने के लिए तैयार नहीं है, रूस के आगे समर्पण करने के लिए तैयार नहीं है. यूक्रेन रूस का मुंहतोड़ जवाब दे रहा है. रूस ने साफ कर दिया है कि वह यूक्रेन के हर क्षेत्र पर हमला करेगा, हर दिशा में हमला करेगा.
इधर अमेरिका और फ्रांस ने यूक्रेन को सैन्य सहायता देने का ऐलान कर दिया है यानी दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति अमेरिका भी इस युद्ध में कभी भी कूद सकती है और फ्रांस भी. अगर अमेरिका इस युद्ध में कूदा तो नैटो देश भी यूक्रेन की तरफ से रूस पर हमला करेंगे या फिर रूसी सेना से लड़ेंगे और देखते-देखते यह कब वर्ल्ड वॉर 3 में तब्दील हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता. बाबा वेंगा (Baba Venga) और नास्त्रेदमस (Nostradamus) की भविष्यवाणियां तो यही इशारा कर रही है.
बाबा वेंगा की भविष्यवाणी
इस वक्त रूस के राष्ट्रपति पुतिन दबंग नेता के तौर पर उभर कर सामने आए हैं. ऐसे में बड़ी-बड़ी भविष्यवाणियों को लेकर दुनिया भर में पहचाने जाने वाले बाबा वेंगा की भविष्यवाणी सही होती हुई दिखाई दे रही है. जिसमें उन्होंने पुतिन और रूस को लेकर बड़ी बात कही थी. दरअसल बाबा वेंगा ने कहा था कि एक वक्त आएगा जब रूस पूरी दुनिया पर हुकूमत करेगा. उन्होंने कहा था कि अमेरिका और यूरोप रूस के आगे कुछ नहीं होंगे. बाबा वेंगा ने कहा था रूस सबसे बड़ी ताकत बनकर उभरेगा. सब कुछ बर्फ की तरफ पिघल जाएगा.
उन्होंने आगे कहा था कि सिर्फ एक चीज को कोई हाथ नहीं लगा पाएगा, पुतिन और रूस की शान को. कोई रूस को रोक नहीं पायेगा. बाबा वेंगा ने कहा था कि यूरोप उस वक्त बंजर जमीन की शक्ल में तब्दील हो जाएगा. आपको बता दें कि बाबा वेंगा दुनिया भर में अपनी भविष्यवाणियों को लेकर पहचाने जाते हैं. उन्होंने 5000 से भी अधिक भविष्यवाणियां की है, जिनमें बहुत सारी सच साबित हुई है.
नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी
विश्व में जब भी कोई बड़ी घटना होती है तो उसका कनेक्शन नास्त्रेदमस और बाबा वेंगा जैसे भविष्य वक्ताओं की भविष्यवाणी से जरूर जुड़ता है. रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष चल ही रहा है. इस युद्ध को तीसरे विश्वयुद्ध की आहट माना जा रहा है. कहा जा रहा है कि जब भी कोई बड़ी महामारी आती है तो उसके बाद बड़े युद्ध होते हैं या होता है वर्ल्ड वॉर. कहा गया है कि महामारी के बाद सामाजिक और राजनीतिक अस्थिरता के चलते युद्ध के हालात पैदा होते हैं.
यह भी माना जाता है कि महामारी के चलते अर्थव्यवस्था चरमरा जाती है महंगाई भूखमरी बढ़ जाती है जिसके चलते राज्यों या फिर देशों के बीच विद्रोह उत्पन्न होता है और इससे युद्ध के हालात पैदा होते हैं. कोरोना वायरस जैसी महामारी का सामना अभी दुनिया ने किया है और कर रही है. कनाडा और यूरोप में जनता सरकार के प्रति नाराज है. आए दिन सड़कों पर प्रदर्शन हो रहे हैं. कुछ देश इस मौके का फायदा भी उठाने के चलते युद्ध के हालात पैदा करते हैं.
प्रथम विश्व युद्ध 28 जुलाई 1914 से 11 नवंबर 1918 तक चला था. 1918 में आई महामारी वायरस h1 स्पेनिश फ्लू ने दुनिया में तबाही मचा दी थी. इस बुखार से करीब 50 करोड़ लोग प्रभावित हुए थे. करीब 5 करोड़ लोगों की जान चली गई थी. इनमें केवल भारत में लगभग 12000000 लोगों की मौत हुई थी. हालांकि इसके लिए युद्ध नहीं बल्कि 1914 से 1919 के बीच यूरोप में असामान्य ठंडी हवाओं को जिम्मेदार माना गया. उससे पहले कालरा की लहर भी आई थी. इस दौरान कई छोटे-मोटे युद्ध भी होते रहे. इसी बीच हैजा भयंकर महामारी के तौर पर उभरी थी.
द्वितीय विश्वयुद्ध की शुरुआत 1 सितंबर 1939 को हुई थी और इसका अंत 2 सितंबर 1945 को हुआ था. इस दौरान पोलियो ने महामारी का रूप धारण कर लिया था. आकलन है कि 1940 से 1950 के दशक में यह चरम पर था. इसने हर साल 5 लाख से ज्यादा लोगों को अपंग बनाया. इस दौरान हिरोशिमा नागासाकी पर जो परमाणु बम का हमला हुआ था उसके बाद भयंकर सूखा पड़ा, जलवायु परिवर्तन हुआ और बाद में दुनिया को एशियन फ्लू नामक महामारी का प्रकोप झेलना पड़ा.
नास्त्रेदमस के अनुसार तीसरा विश्व युद्ध?
नास्त्रेदमस ने अपनी भविष्यवाणी की पुस्तक में तीसरे विश्वयुद्ध (Third world war) का जिक्र किया है. तीसरे विश्वयुद्ध की शुरुआत के संबंध में वे लिखते हैं- धर्म बांटेगा लोगों को. काले और सफेद तथा दोनों के बीच लाल और पीले अपने अपने अधिकारों के लिए लड़ जायेंगे. रक्तपात, महामारी या अकाल, सूखा, युद्ध और भूख से मानव बेहाल होगा. जब तृतीय विश्व युद्ध चल रहा होगा उस दौरान चीन के रासायनिक हमले से एशिया में तबाही और मौत का मंजर होगा और यह ऐसा होगा जो आज तक नहीं हुआ.
वह आगे लिखते हैं 1 मील व्यास का एक गोलाकार पर्वत अंतरिक्ष से गिरेगा और महान देशों को समुद्री पानी में डुबो देगा. यह घटना तब होगी जब शांति को हटाकर युद्ध, महामारी और बाढ़ का दबदबा होगा. इस उल्का द्वारा कई प्राचीन अस्तित्व वाले महान राष्ट्र डूब जाएंगे. जानकार कहते हैं कि तीसरा एंटी क्राइस्ट युद्ध की शुरुआत करेगा. इससे पहले नेपोलियन और हिटलर को नास्त्रेदमस ने एंटी क्राइस्ट कहा था और कहा था कि तीसरा एंटीक्रिस्ट जब आएगा तो 27 साल तक तीसरा विश्वयुद्ध चलेगा.
नास्त्रेदमस को समझने वालों का कहना है कि 2022 में एक विनाशकारी परमाणु बम फट जाएगा और इससे जलवायु परिवर्तन होगा और धरती का मौसम बदल जाएगा. उल्का समुद्र में गिरेगा और बड़ा तूफान आएगा, जिससे धरती के चारों तरफ समुद्र की लहरें उठेंगी और कई राष्ट्र डूब जाएंगे. पहाड़ों पर बर्फ गिरेगी और कई देशों के आपसी युद्ध शुरू होते ही खत्म हो जाएंगे. महंगाई इस दौरान बेकाबू हो जाएगी. इसी साल रोबोट मानव का जन्म होगा.
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