पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बड़ी हार का सामना करना पड़ा है. इसके बाद कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक भी हुई, जिसमें कई मुद्दों पर चर्चा हुई. पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की हार की समीक्षा भी हुई.
कांग्रेस का ग्राफ पिछले कुछ सालों से लगातार गिरता रहा है. कांग्रेस ने एक के बाद एक कई चुनाव हारे हैं. हालांकि कुछ राज्यों में कांग्रेस ने जीत भी हासिल की, लेकिन पिछले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने एक भी राज्य में सरकार नहीं बनाई. पूरे 5 राज्य कांग्रेस के हाथ से निकल गए.
अब इसको लेकर कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) की तरफ से बड़ा फैसला लिया गया है. सोनिया गांधी ने यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर के पीसीसी अध्यक्षों से इस्तीफा मांगा है. अब इन राज्यों के कांग्रेस अध्यक्षों को अपना इस्तीफा देना है.
इनमें सबसे महत्वपूर्ण फैसला पंजाब को लेकर कांग्रेस ने किया है. दरअसल पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) हैं और पंजाब के अंदर कांग्रेस की सरकार भी थी, लेकिन पंजाब में कांग्रेस को बुरी हार का सामना करना पड़ा और आम आदमी पार्टी ने पंजाब में प्रचंड जीत के साथ सरकार बनाई है.
पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनने के बाद से ही नवजोत सिंह सिद्धू लगातार पार्टी लाइन से हटकर बयानबाजी करते रहे. कई मौकों पर तो उन्होंने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को भी चुनौती देने की कोशिश की. माना जाता है कि पंजाब में कांग्रेस को नवजोत सिंह सिद्धू के बयानों के जरिए भी भारी नुकसान उठाना पड़ा. नवजोत सिंह सिद्धू ने पार्टी को एकजुट करने की बजाय पार्टी को तोड़ने का काम किया.
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी को उम्मीद के मुताबिक भी सफलता हासिल नहीं हुई है और अब सोनिया गांधी ने पांचों राज्यों के कांग्रेस अध्यक्षों को बर्खास्त कर दिया है. यह कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की तरफ से बड़ा डिसीजन लिया गया है. इसकी जानकारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने दी है.
आपको बता दें कि पिछले रविवार को हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में कांग्रेस नेताओं ने सोनिया गांधी के नेतृत्व में विश्वास जताते हुए कहा था कि, वह संगठनात्मक चुनाव पूरा होने तक पद पर बने रहे और पार्टी को मजबूत बनाने के लिए जरूरी कदम उठाएं.