नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर की गई टिप्पणी से भारत की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छवि को धक्का लगा है. छोटे-छोटे देशों ने भारत को आंख दिखाने की कोशिश की है. अब बीजेपी ने धार्मिक भावनाएं आहत करने वाले अपने 38 नेताओं की पहचान की है. इनमें से 27 चुने हुए नेताओं को ऐसे बयान देने से बचने की हिदायत दे दी गई है. इनसे कहा गया है कि धार्मिक मुद्दों पर बयान देने से पहले पार्टी से परमिशन ले लें.
पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी करने वाली नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल पर कार्रवाई के बाद बीजेपी एक्शन में दिख रही है. नेताओं के पिछले 8 साल के बयानों को आईटी विशेषज्ञों की मदद से खंगाला गया है. करीब 5200 बयान गैर जरूरी पाए गए. 2700 बयानों के शब्दों को संवेदनशील पाया गया. 38 नेताओं के बयानों को धार्मिक मान्यताओं को आहत करने वाली कैटेगरी में रखा गया है.
गिरिराज सिंह, आनंद कुमार हेगड, तथागत राय, प्रताप सिन्हा, विनय कटियार, महेश शर्मा, टी राजा सिंह, विक्रम सिंह सैनी, साक्षी महाराज, संगीत सोम जैसे बीजेपी के नेता हेट स्पीच और धार्मिक बयान देते रहते हैं. पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी के बाद अरब देशों में बायकॉट इंडिया सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा था. इसी बीच कुवैत के कुछ सुपर स्टोर्स ने भारत में बने सामानों की बिक्री रोक दी है. कुवैत की सरकार ने कहा है कि भारत में सत्ता में मौजूद पार्टी के नेताओं ने मुस्लिमों की भावनाओं को आहत किया है.
इसके अलावा आपको बता दें कि भारत सरकार को नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के बयानों को लेकर पहले ही अरब देशों से विरोध का सामना करना पड़ रहा है. वहीं अब आस्ट्रेलिया में भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने इस्लाम को लेकर ऐसा बयान दे दिया है जिससे उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा. बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या जो ऑस्ट्रेलिया-भारत युवा संवाद में हिस्सा लेने के लिए आस्ट्रेलिया दौरे पर हैं, उन्हें उनकी टिप्पणी के लिए विरोध का सामना करना पड़ा है.
उन्होंने एक बयान में कहा है कि इस्लाम पार्क रक्त’पात और हिंसा के साथ बढ़ा है. इसके साथ ही सिडनी के पास एक कॉलेज में निजी समारोह में हलाल भोजन पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया. कुछ छात्र संगठनों और मुस्लिम समूहों ने बीजेपी सांसद की यात्रा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जिसके कारण उनका सार्वजनिक कार्यक्रम रद्द कर दिया गया.