Amarinder Singh Harish rawat

पार्टी छोड़ने के अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) के एलान के बाद अब कांग्रेस उनके आरोपों और सवालों का जवाब देने के लिए सामने आ गई है. इसी क्रम में पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने कैप्टन के इस आरोप का जवाब दिया है कि कांग्रेस में उनकी बेईज्ज़ती की गई. हरीश रावत का कहना है कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा ही पंजाब के इस पूर्व मुख्यमंत्री को इज्ज़त बख़्शी है.

उन्होंने कहा, शायद अमरिंदर सिंह किसी तरह के दवाब में हैं. लेकिन मजे की बात यह है कि अब कांग्रेस के महासचिव कैप्टन पर वही आरोप लगा रहे हैं जो पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष और अमरिंदर सिंह के धुर राजनीतिक विरोधी कहते रहे हैं. रावत ने कहा, अपने सहयोगियों और नेतृत्व के लगातार कहते रहते के बावजूद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बरगाडी, ड्रग्स और बिजली जैसे अहम मुद्दों पर अपने वायदे पूरे नहीं किए.

उन्होंने इसके आगे कहा, पंजाब के लोगों में यह आम धारणा बन गई कि बादल और कैप्टन के बीच किसी तरह की मिलीभगत है. मैंने कैप्टन साहब के साथ कम से कम पाँच बार इन मुद्दों पर बात की, पर कोई नतीजा नहीं निकला. इसके साथ ही रावत के तेवर भी तल्ख़ हो गए.

उन्होंने अपने ही पूर्व मुख्यमंत्री पर न सिर्फ वायदे नहीं निभाने का आरोप लगाया, बल्कि उन्हें अलोकतांत्रिक भी क़रार दिया है. उन्होंने कहा, वे अड़ियल रवैया अपनाए हुए थे और यह मान कर चलते थे कि उन्हें अपने किसी सहयोगी या मंत्री के सलाह की ज़रूरत ही नहीं है. पंजाब कांग्रेस के प्रभारी ने यह भी कहा कि जब पार्टी ने किसी और को राज्य का मुख्यमंत्री चुना तो कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस फ़ैसले को स्वीकार नहीं किया न ही उन्हें आशीर्वाद दिया.

कैप्टन का पलटवार

हरीश रावत के इस परोक्ष हमले से आहत कैप्टन ने एक बार फिर कांग्रेस पर वार किया है और उसकी ‘दयनीय स्थिति’ पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री पद से हटने के तीन हफ़्ते पहले ही मैंने सोनिया गांधी से मिल कर इस्तीफ़े की पेशकश की थी, पर उन्होंने मुझसे पद पर बने रहने को कहा था. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें पद से हटाने के लिए ही कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी, इसके बावजूद उस बैठक के कुछ घंटे पहले उन्हें इस्तीफ़ा देने को कहा गया.

अमरिंदर सिंह ने कहा, दुनिया ने देखा कि किस तरह मेरा अपमान किया गया, इसके बाद हरीश रावत कहते हैं कि मेरा अपमान नहीं हुआ, यह अपमान नहीं तो और क्या है? कैप्टन ने कहा कि रावत ने उनसे मिल कर कहा था कि 2017 के चुनावी कांग्रेस सरकार ने निभाए हैं. उन्होंने रावत को यह भी याद दिलाया कि 1 सितंबर को उन्होंने कहा था कि पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 अमरिंदर सिंह की अगुआई में ही लड़ा जाएगा और आला कमान उन्हें हटाने पर कोई विचार नहीं कर रहा है.

वे पूछते हैं, अब हरीश रावत कैसे कह सकते हैं कि केंद्रीय नेतृत्व मुझसे नाराज़ था और यदि ऐसा था तो मुझे अंत तक अंधेरे में क्यों रखा गया? बता दें कि कैप्टन अमरिंदर ने साफ कह दिया है कि वे बीजेपी में तो नहीं जाएंगे, पर कांग्रेस पार्टी में भी नहीं रहेंगे. उन्होंने कहा कि पार्टी में उनका बहुत ही अपमान हुआ और वे इसे अब बर्दाश्त नहीं कर सकते.

अब क्या करेंगे अमरिदंर सिंह? इस सवाल के जवाब में वे लोगों को इंतजार करने की सलाह देते हैं. कुछ पर्यवेक्षकों का कहना है कि कैप्टन कोई नई क्षेत्रीय पार्टी शुरू कर सकते हैं. पर कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इसके लिए अमरिंदर सिंह के पास ज़्यादा समय नहीं बचा है. उनका उम्र भी उनके साथ नहीं है और न ही संसाधन. लिहाज़ा वे नई पार्टी शुरू करें और वह पार्टी कोई बड़ा उलटफेर कर दे, इसकी संभावना निहायत ही कम है. इसे कैप्टन भी समझते हैं.

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