राजस्थान के उदयपुर में चिंतन शिविर का आयोजन 13 से 15 मई के बीच हो रहा है. तमाम दिग्गज कांग्रेसियों का जमावड़ा उदयपुर में लग चुका है. कांग्रेस में बड़े बदलाव की संभावनाएं जताई जा रही हैं. इन सबके बीच चिंतन शिविर से पहले पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बयान से सियासी अटकलों का बाजार गर्म हो चुका है.
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि चिंतन शिविर के बाद राजस्थान प्रदेश कांग्रेस में बड़ा बदलाव होने जा रहा है. सचिन पायलट प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं. सचिन पायलट ने भी संकेत दिए हैं कि कांग्रेस आलाकमान उन्हें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाता है तो वह इसके लिए तैयार हैं. सचिन पायलट के युवाओं को अहमियत देने का बयान के पीछे असली वजह यही बताई जा रही है.
सचिन पायलट का मानना है कि युवाओं को लीडरशिप देने से कांग्रेस को फायदा होगा. साल 2020 में गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत करने के बाद सही सचिन पायलट बिना किसी पद के कांग्रेस के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं. हालांकि कांग्रेस आलाकमान ने पायलट समर्थकों को कैबिनेट और राजनीतिक नियुक्तियों में एडजस्ट कर दिया है, लेकिन सचिन सिर्फ विधायक हैं इस वक्त.
कहा जा रहा है कि कांग्रेस के संगठन में कांग्रेस आलाकमान सचिन पायलट को बड़ा पद देने के लिए राजी हो गया था, लेकिन सचिन पायलट राजस्थान छोड़कर जाना नहीं चाहते हैं. पायलट के कद के हिसाब से कांग्रेस अध्यक्ष का पद ही बचता है राजस्थान के अंदर जो सबसे बड़ा है. पायलट के प्रदेशाध्यक्ष से हटने के बाद गहलोत समर्थक गोविंद सिंह डोटासरा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था.
युवा देंगे जमीनी फीडबैक- Sachin Pilot
सचिन पायलट ने बुधवार को राजधानी जयपुर में मीडिया से बात करते हुए कहा है कि कांग्रेस पार्टी युवाओं को अहमियत दे रही है. कांग्रेस के चिंतन शिविर में आधे से ज्यादा प्रतिनिधि 40 से कम उम्र के हैं, इससे समझ सकते हैं कि सोनिया गांधी युवाओं को कितनी अहमियत दे रही हैं. चिंतन शिविर में देश के विभिन्न हिस्सों से आए युवा जमीनी फीडबैक देंगे. आगे की रणनीति तय करने में चिंतन शिविर काफी कारगर साबित होने जा रहा है.
सचिन ने यह भी कहा है कि मुझे लगता है कि चिंतन शिविर के बाद पार्टी संगठन में बदलाव करेगी. हम सब मिलकर विधानसभा और लोकसभा चुनाव की तैयारी करेंगे. आपको बता दें कि कांग्रेस के चिंतन शिविर में अलग-अलग समितियां बनी है. सचिन पायलट को राजस्थान से आर्थिक समिति का सदस्य बनाया गया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम इस समिति के संयोजक हैं.
सचिन ने कहा है कि समिति की बैठकें हुई हैं. हम मध्यम वर्ग और नौजवानों के हितों के लिए संघर्ष करेंगे. सचिन पायलट ने कहा है कि कांग्रेस ही बीजेपी को चुनौती दे सकती है. देश में महंगाई चरम पर है लेकिन मोदी सरकार जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं है. सचिन ने कहा कि भाजपा जिम्मेदारी लेना नहीं चाहती, आरोप लगाना जानती है.