तमाम मीडिया चैनल अपने कार्यक्रमों के माध्यम से बीजेपी के एजेंडे पर काम करते हुए नजर आते हैं और उन मीडिया चैनलों पर डिबेट कराने वाले और खबरें चलाने वाले एंकर भी कहीं ना कहीं बीजेपी माइंडेड ही दिखाई देते हैं, ऐसे आरोप लंबे वक्त से विपक्षी पार्टियां लगाती रही हैं. इसके अलावा न्यूट्रल जनता तथा विपक्षी पार्टियों को सपोर्ट करने वाली जनता का भी यही आरोप है कि मीडिया में अधिकतर पत्रकार और एंकर मौजूदा सत्ता यानी बीजेपी सरकार के समर्थक हैं.
पिछले कुछ सालों में मीडिया में जो डिबेट देखने को मिली है उससे भी इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह डिबेट भी विपक्ष के खिलाफ और मौजूदा सत्ता के पक्ष में माहौल बनाने के लिए होती है. कई बार मौजूदा सत्ता अगर किसी मुद्दे पर नाकाम होती है तो उसपर मीडिया डिबेट नहीं कराता है. लेकिन अगर विपक्ष की तरफ से कुछ किया जाता है तो उसको गलत तरीके से जनता के सामने पेश करते हुए उस मुद्दे पर डिबेट कराई जाती है.
पिछले दिनों स्मृति ईरानी को लेकर तमाम तरह के आरोप कांग्रेस की तरफ से लगाए गए. लेकिन मीडिया ने इस मुद्दे पर कोई डिबेट नहीं कराई. गोवा के रेस्टोरेंट और बार को लेकर किसी भी बड़े चैनल पर लगातार डिबेट देखने को नहीं मिली. लेकिन आज कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की पेशी थी ईडी दफ्तर में और इसके खिलाफ कांग्रेस ने सत्याग्रह किया. कांग्रेस के नेता सड़क पर उतरे. राहुल गांधी भी सड़कों पर उतरे और कांग्रेस के नेताओं की गिरफ्तारी भी हुई. इसी को लेकर आज तक की मशहूर एंकर चित्रा त्रिपाठी (Chitra Tripathi) ने अपने चैनल पर एक कार्यक्रम किया.
चित्रा त्रिपाठी (Chitra Tripathi) ने जो कार्यक्रम किया उसका नाम था, वनडे मातरम. तर्क दियाा गया एक संग्राम फिर आराम? चित्रा त्रिपाठी नेे कहां कि क्या जनता के मुद्दों के मुकाबले परिवार को ज्यादा तरजीह देती है कांग्रेस? आज तक चैनल के टि्वटर हैंडल से एक वीडियो पोस्ट किया गया. जिसमें चित्रा त्रिपाठी यह बातें कहती हुई पाई गई और उन्होंने कहा ऐसी स्थिति क्यों पैदा हुई? इसी पर आज 5 बजे दंगल होगा.
चित्रा त्रिपाठी (Chitra Tripathi) द्वारा कही गई इस बात का कांग्रेस के नेताओं ने बड़े स्तर पर विरोध किया. यूजर्स के द्वारा भी चित्र त्रिपाठी को ट्रोल किया गया. कांग्रेस के छत्तीसगढ़ ट्विटर हैंडल से लिखा गया कि, शर्मनाक! हमारे राष्ट्रगीत का अपमान? ये ‘वंदे मातरम्’ का अपमान है. हम सब अपना विरोध दर्ज करते हैं. नाम बिगाड़ना है तो अपने चैनल का बिगाड़िए, हमारा राष्ट्रगीत हमारा गौरव है. आज तक को तुरंत माफी माँगनी चाहिए.
शर्मनाक!
हमारे राष्ट्रगीत का अपमान?
ये 'वंदे मातरम्' का अपमान है.
हम सब अपना विरोध दर्ज करते हैं। नाम बिगाड़ना है तो अपने चैनल का बिगाड़िए, हमारा राष्ट्रगीत हमारा गौरव है।@aajtak को तुरंत माफी माँगनी चाहिए। @aroonpurie @Pawankhera https://t.co/0DYznFP9wN
— INC Chhattisgarh (@INCChhattisgarh) July 26, 2022
कांग्रेस के तेजतर्रार नेता और प्रवक्ता पवन खेड़ा ने लिखा कि, जब आप ने या आपके लिए किसी और ने खुद ही सब कुछ तय कर लिया है, तो हमारी पार्टी के प्रवक्ता की क्या आवश्यकता है?
जब आप ने या आपके लिए किसी और ने खुद ही सब कुछ तय कर लिया है, तो हमारी पार्टी के प्रवक्ता की क्या आवश्यकता है? https://t.co/XrjcTqwY5r
— Pawan Khera 🇮🇳 (@Pawankhera) July 26, 2022
कांग्रेस नेत्री सुप्रिया श्रीनेत ने चित्रा त्रिपाठी (Chitra Tripathi) को चरण चुंबक कहा.
चरणचुम्बक https://t.co/38Ru9vrdev
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) July 26, 2022
आपको बता दें कि हर वक्त ऐसा देखने को मिलता है कि मीडिया चैनलों पर उसी मुद्दे पर डिबेट होती है जिसमें विपक्षी पार्टियों से जुड़ा हुआ कोई मुद्दा होता है और अधिकतर डिबेट कांग्रेस तथा गांधी परिवार के इर्द-गिर्द घूमती हुई दिखाई देती है. चाहे किसी भी चैनल पर देखा जाए. राहुल गांधी तथा सोनिया गांधी से प्रवर्तन निदेशालय पूछताछ कर रहा है. लेकिन अधिकतर मीडिया चैनलों पर इस तरीके की डिबेट हो रही है जैसे राहुल गांधी तथा सोनिया गांधी गुनहगार साबित हो गए हो. ऐसा लग रहा है जैसे कोर्ट ने इन दोनों को सजा सुना दी हो और इस पर मीडिया डिबेट कर रहा हो.
अधिकतर मीडिया चैनलों पर इस तरीके की डिबेट हो रही है कि कांग्रेस के नेता गांधी परिवार से पूछताछ हो रही है तभी सड़कों पर उतर रहे हैं, जनता के मुद्दों पर सड़कों पर दिखाई नहीं देते हैं, जनता के मुद्दों पर वह मोदी सरकार से सवाल नहीं पूछते. लेकिन मीडिया की हकीकत यह है कि जब कांग्रेस जनता के मुद्दों पर सड़कों पर सत्ता के खिलाफ संग्राम करती हुई दिखाई देती है, उस वक्त यही मीडिया उस मुद्दे को कवर नहीं करता. उस मुद्दे पर डिबेट करा के मौजूदा मोदी सरकार से सवाल नहीं पूछता. राहुल गांधी हर वक्त देश की अंदरूनी समस्याओं के साथ साथ चाइना के मुद्दे पर मोदी सरकार से सवाल करते हैं, लेकिन मीडिया उस पर कोई डिबेट नहीं करता.