कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय में हुई. बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत तमाम दिग्गज नेता मौजूद थे. इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के नेताओं को कई तरह की नसीहत दी है.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के नेताओं से कहा है कि अब पार्टी का कर्ज उतारने का समय आ गया है. ऐसे में उन्हें किसी स्वार्थ के बिना और अनुशासन के साथ काम करना होगा. पार्टी को फिर से मजबूत करने के लिए जादू की कोई छड़ी नहीं है. हमें एक साथ मिलकर कांग्रेस को मजबूत करना होगा.
कांग्रेस की सीडब्ल्यूसी की बैठक में उन्होंने कहा कि 13 से 15 मई को उदयपुर में होने वाला नव संकल्प चिंतन शिविर रस्म अदायगी भर नहीं होना चाहिए, इसमें पार्टी के पुनर्गठन की झलक लिखनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस शिविर में करीब 400 लोग शामिल हो रहे हैं, जिनमें से ज्यादातर संगठन में किसी ना किसी पद पर हैं या फिर संगठन अथवा सरकार में पदों में रह चुके हैं.
सोनिया गांधी ने कहा कि हमने प्रयास किया है कि इस शिविर में संतुलित प्रतिनिधित्व हो और हर पहलू से संतुलन हो. उन्होंने कहा कि राजनीति, सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण, अर्थव्यवस्था, संगठन, किसान एवं कृषि तथा युवा सशक्तिकरण से जुड़े मुद्दों पर 6 समूहों में चर्चा होगी. उन्होंने कहा कि पार्टी ने हमेशा हम सबका भला किया है, अब समय आ गया है कि कर्ज को पूरी तरीके से चुकाया जाए.
आपको बता दें कि कांग्रेस के अंदर यह शिकायत रही है कि कोई भी नेता जमीन पर उतर कर जनता से जुड़कर संघर्ष नहीं करना चाहता. नेताओं के निष्क्रिय रवैया के कारण भी कांग्रेस लगातार कमजोर हो रही है. गांधी परिवार लगातार जनता की आवाज उठा रहा है. इसके अलावा कुछ नेता है जो जनता के मुद्दों पर लड़ रहे हैं. लेकिन बाकी वह नेता, जो कांग्रेस की सरकारों में बड़े-बड़े मंत्रालय संभाल रहे थे, इस वक्त निष्क्रिय हैं.