पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा है. इसके बाद रविवार को दिल्ली में कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक हुई. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी भी शामिल हुई.
इसके अलावा इस बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम, हरीश रावत सहित कांग्रेस के कई दिग्गज नेता मौजूद थे. गुलाम नबी आजाद भी इस बैठक में शामिल थे. गुलाम नबी आजाद को g-23 का सूत्रधार माना जाता है.
इस बैठक के बाद जो जानकारी निकल कर आ रही है उसके मुताबिक सोनिया गांधी ने कहा है कि संगठन के हित में जो करना होगा कर सकती हूं. लेकिन ज्यादातर सदस्यों ने कहा है कि सोनिया गांधी को बने रहना चाहिए. इस बैठक में सोनिया गांधी ने कहा है कि कुछ लोगों को लगता है कि गांधी परिवार की वजह से पार्टी कमजोर हो रही है. अगर आप लोगों को ऐसा लगता है तो हम किसी भी प्रकार का त्याग करने के लिए तैयार हैं.
आपको बता दें कि ज्यादातर सदस्यों ने कहा कि हमारा पहला मकसद कांग्रेस को मजबूत करना है और इसी कड़ी में कांग्रेस अप्रैल में चिंतन शिविर का आयोजन करने जा रही है. वहीं हरीश चौधरी ने पंजाब हार की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि मैं पंजाब के नतीजों की जिम्मेदारी लेता हूं. हम नई रणनीति के साथ फिर लड़ेंगे.
कांग्रेस को उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर के विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है. हार की वजहों और आगे की रणनीति पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई है. बैठक के बाद राजीव शुक्ला ने कहा कि सब ने कहा है कि सोनिया गांधी पार्टी का नेतृत्व करती रहे.
यह बैठक लगभग 4 घंटे तक चली है. बता दें कि इस बैठक से पहले कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा राहुल गांधी को फिर से कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने की मांग की गई. इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी कहा कि राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनना चाहिए.