जम्मू कश्मीर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए लश्कर के आतंकी तालिब हुसैन शाह (Talib Hussain Shah) को गिरफ्तार किया है. इस आतंकी को इसके साथियों के साथ गांव वालों ने पकड़कर पुलिस के हवाले किया था. पुलिस के मुताबिक यह आतंकी पहले बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा का सोशल मीडिया प्रभारी था. यह आतंकवादी बीजेपी का सक्रिय सदस्य था. पुलिस के अनुसार पकड़ा गया आतंकवादी जम्मू में पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के सोशल मीडिया प्रभारी भी था.
हालांकि बीजेपी की ओर से इस पर सफाई भी दी गई है. बीजेपी प्रवक्ता आरएस पठानिया ने कहा है कि ऑनलाइन सदस्यता का यही नुकसान है कि आप किसी का बैकग्राउंड जान के बगैर ही पार्टी की सदस्यता दे देते हैं. कुल मिलाकर देखा जाए तो लश्कर के आतंकवादी के बीजेपी का पदाधिकारी निकलने के बाद बीजेपी ने ऑनलाइन सदस्यता की प्रणाली को दोषी ठहराया, जो लोगों को बिना किसी पृष्ठभूमि की जांच के पार्टी में शामिल होने की अनुमति दे रही है.
9 मई को बीजेपी ने तालिब हुसैन शाह को जम्मू प्रांत में पार्टी के आईटी और सोशल मीडिया प्रभारी बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा जम्मू प्रांत होंग .उसकी जम्मू कश्मीर के अध्यक्ष रविंद्र रहना सहित बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के साथ कई तस्वीरें वायरल हैं. बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा जम्मू कश्मीर द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया कि तालिबान हुसैन शाह नए आईटी और सोशल मीडिया प्रभारी बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा जम्मू प्रांत होंगे.
नेशनल मीडिया से यह न्यूज़ पूरी तरीके से गायब है. कोई डिबेट देखने को नहीं मिल रही है. इसी को लेकर वरिष्ठ पत्रकार दीपक शर्मा (Deepak Sharma) ने एक ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है कि, अगर उदयपुर से जम्मू तक, आतंकवादी कहीं कांग्रेस के सदस्य निकलते तो गोदी मीडिया ने अब तक कोहराम मचा दिया होता और कई बड़े नेता जेल में होते. लेकिन मामला सत्ताधारी पार्टी का है, तो गोदी एंकरों ने होंठ सिल लिये है. उनकी ये खामोशी जाहिर करती है कि देश में सच का आयना टूट चुका है!
अगर उदयपुर से जम्मू तक, आतंकवादी कहीं कांग्रेस के सदस्य निकलते तो गोदी मीडिया ने अब तक कोहराम मचा दिया होता और कई बड़े नेता जेल में होते।
लेकिन मामला सत्ताधारी पार्टी का है, तो गोदी एंकरों ने होंठ सिल लिये है।
उनकी ये खामोशी जाहिर करती है कि देश में सच का आयना टूट चुका है ! pic.twitter.com/MgpYa6aXlp
— Deepak Sharma (@DeepakSEditor) July 3, 2022
इस पूरे मामले पर नेशनल मीडिया में अभी कोई डिबेट देखने को नहीं मिली है. बीजेपी के नेताओं से सवाल नहीं पूछे गए हैं. लेकिन अगर यही मामला विपक्ष की किसी पार्टी से जुड़ा होता तो अब तक नेशनल टीवी पर डिबेट देखने को मिल रही होती. पिछले दिनों चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने समाजवादी पार्टी के चुनाव निशान साइकिल को आतंकवाद से जोड़कर पब्लिक रैली में समाजवादी पार्टी की आलोचना की थी.