BJP के सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश प्रशासन से लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) में किसानों को गाड़ी से कुचले जाने के मामले को संज्ञान में लेकर दोषियों को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की.
वरुण गांधी ने एक ट्वीट में कहा, ‘लखीमपुर खीरी में किसानों को गाड़ियों से जानबूझकर कुचलने का यह वीडियो किसी की भी आत्मा को झकझोर देगा. पुलिस इस वीडियो का संज्ञान लेकर इन गाड़ियों के मालिकों, इनमें बैठे लोगों, और इस प्रकरण में संलिप्त अन्य व्यक्तियों को चिन्हित कर तत्काल गिरफ्तार करे.
उन्होंने ट्वीट के साथ एक वीडियो भी संलग्न किया है, जिसमें एक गाड़ी किसानों को कुचलती हुई जाती दिखाई दे रही है.
लखीमपुर खीरी में किसानों को गाड़ियों से जानबूझकर कुचलने का यह वीडियो किसी की भी आत्मा को झखझोर देगा।
पुलिस इस वीडियो का संज्ञान लेकर इन गाड़ियों के मालिकों, इनमें बैठे लोगों, और इस प्रकरण में संलिप्त अन्य व्यक्तियों को चिन्हित कर तत्काल गिरफ्तार करे।
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— Varun Gandhi (@varungandhi80) October 5, 2021
कुचले गए किसान के परिवार ने अंतिम संस्कार से किया इनकार
रविवार की हिंसा में मारे गए लोगों में 19 वर्ष का एक किसान भी था. मौत के क्षणों में लवप्रीत सिंह ने अपने अस्पताल के बेड से पिता को बुलावा भेजा और जल्दी आने की गुहार लगाई. हालांकि जब तक परिवार पहुंच पाता, देर हो चुकी थी. लवप्रीत और तीन अन्य किसान रविवार को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा की यात्रा के दौरान विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में मारे गए 8 लोगों में शामिल हैं. मंत्री के काफिले में शामिल एक कार ने चार किसानों को कुचल दिया था.
किसानों का आरोप है कि कार को ‘मंत्रीजी’ का बेटा, आशीष मिश्रा चला रहा था. यूपी पुलिस ने उसके खिलाफ केस दर्ज किया है. ताबूत में रखे शव के बगल में फफककर रोते हुए आज लवप्रीत के परिवार ने ऑटोप्सी रिपोर्ट और आशीष मिश्रा के खिलाफ हुई एफआईआर की कॉपी दिए जाने तक अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया.
लवप्रीत के पिता ने कहा, मेरा बेटा कार के नीचे कुचला गया …इन्होंने इसके लिए जिम्मेदार शख्स के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है. प्रशासन मामले को दबाने की कोशिश कर रहा है. लवप्रीत की दो बहने अपने इकलौत भाई की मौत से सदमे की सी स्थिति में हैं. लवप्रीत यह कहते हुए घर से निकला था कि वह अच्छे काम के लिए बाहर जा रहा है. लवप्रीत के पिता ने बताया, जब वे उसे अस्पताल लेकर गए तो उसने फोन किया. मैंने पूछा-बेटा तुम कैसे हो तो उसने कहा-पापा मैं ठीक हूं, कृपया जल्दी आइए. मैंने कहा कि हम रास्ते में है लेकिन जब हम लखीमपुर खीरी पहुंचे, उसकी मौत हो चुकी थी.
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया क्षेत्र में रविवार को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पैतृक गांव के दौरे के विरोध को लेकर भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में मिश्रा के बेटे आशीष समेत कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.
बता दें कि यूपी के लखीमपुर खीरी जिले में किसानों की हत्या के बाद पर राजनीति उबाल मार रही है. कांग्रेस सपा, आम आदमी पार्टी समेत लगभग सभी विपक्षी दल राज्य और केंद्र की सरकार पर हमलावर है. घटना भले ही लखीमपुर खीरी में हुई, लेकिन असर लखनऊ से लेकर दिल्ली तक है. क्योंकि यहां चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हुई है.