नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) ने सोमवार को संसद भवन के सेंट्रल हॉल में पद और गोपनीयता की शपथ ली. इसके साथ ही द्रौपदी मुर्मू ने इतिहास रच दिया और देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति बनी. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया NV रमना ने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को 15 वीं राष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलाई. द्रौपदी मुर्मू इस सर्वोच्च संवैधानिक पद को संभालने वाली देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं.
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला सहित कई मंत्री और बड़े नेता संसद के सेंट्रल हॉल में मौजूद रहे. द्रौपदी मुर्मू दूसरी महिला है जो इस पद पर पहुंची हैं. इससे पहले प्रतिभा पाटिल राष्ट्रपति बनी थी.
शपथ लेने के बाद अपने संबोधन में उन्होंने सभी सांसदों का आभार जताया और कहा कि उन्हें राष्ट्रपति के रूप में बड़ी जिम्मेदारी मिली है. उन्होंने कहा कि अपना जीवन ओडिशा के एक छोटे से आदिवासी गांव से शुरू किया और यह हमारे लोकतंत्र की शक्ति है कि एक गरीब आदिवासी घर में पैदा हुई बेटी भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुंची है.
चुनाव प्रचार के दौरान ही साफ दिखाई दे रहा था कि द्रौपदी मुर्मू जीत हासिल करेंगी. क्योंकि एनडीए गठबंधन के अलावा भी तमाम विपक्षी दल उनके समर्थन में आगे आए थे. राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे आने के बाद यह अहम बात सामने आई थी कि बड़ी संख्या में विपक्षी सांसदों और विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है. इन सांसदों और विधायकों ने एनडीए के उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को वोट दिया है.