महाराष्ट्र की राजनीति में उथल-पुथल जारी है. शिवसेना (Shiv Sena) के बागी विधायक गुजरात से निकलकर गुवाहाटी पहुंच चुके हैं. हालांकि बागी विधायकों का नेतृत्व कर रहे मंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने कहा है कि वह शिवसेना नहीं छोड़ने वाले हैं. दूसरी तरफ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आज कैबिनेट मीटिंग बुलाई है. आज 2 बजे महाराष्ट्र कैबिनेट की मीटिंग अर्जेंट में बुलाई गई है.
गुवाहाटी पहुंचकर एकनाथ शिंदे ने दावा किया है कि शिवसेना की कुल 55 में से 40 विधायक उनके साथ हैं. इसके अलावा सात निर्दलीय विधायकों का भी एकनाथ शिंदे को साथ मिल रहा है, ऐसा दवा उन्होंने किया है. कहा जा रहा है कि एकनाथ शिंदे एनसीपी से भी नाराज हैं. एकनाथ शिंदे के साथ गुवाहाटी पहुंचे महाविकास आघाडी के राज्यमंत्री बच्चू कडू ने कहा है कि उद्धव ठाकरे से उनकी कोई नाराजगी नहीं है. शिवसेना विधायक राष्ट्रवादी कांग्रेस और कांग्रेस के साथ नहीं जाना चाहते हैं.
गुवाहाटी पहुंचकर शिंदे ने कहा कि शिवसेना के 40 विधायक मेरे साथ हैं. हम लोग बाला साहब के हिंदुत्व को आगे लेकर जाएंगे. आपको बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना के कुल 55 विधायक हैं. ऐसे में अगर शिंदे ने 40 विधायकों को अपनी तरफ कर लिया है तो यह उद्धव ठाकरे के लिए बड़ा झटका हो सकता है और कहीं ना कहीं महाराष्ट्र में शिवसेना टूट की कगार पर खड़ी है.
इसके अलावा बीजेपी इस पूरे मामले पर कह रही है कि उसका इससे कोई लेना-देना नहीं. लेकिन गुवाहाटी में बीजेपी विधायक सुशांत बरगोहन ने शिवसेना के विधायकों को रिसीव किया है. सुशांत ने कहा कि मैं निजी संबंधों के चलते यहां आया हूं. उन्होंने कहा कि मैंने अभी गिना नहीं है कितने विधायक यहां आए हैं.
देखा जाए तो महाराष्ट्र की राजनीति में सियासी भूचाल अपने उफान पर है. एकनाथ शिंदे के बवाल के बाद उद्धव सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. खतरा शिवसेना के अंदर ही है और ऐसा लग रहा है कि शिवसेना पूरी तरीके से टूट जाएगी. शिवसेना की मंगलवार को हुई बैठक में 55 में से केवल 22 विधायक ही गए थे. शिंदे की बीजेपी के साथ गठबंधन की शर्त पर उद्धव ठाकरे ने अपने वफादार विधायकों से पूछा कि क्या बीजेपी ने उन्हें कम शर्मिंदा किया है, जो अब बीजेपी से गठबंधन कर लिया जाए?
आपको बता दें कि महाराष्ट्र संकट पर बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा और अमित शाह के बीच मुलाकात भी हो चुकी है. इससे ऐसा लग रहा है कि इस पूरे मामले पर बीजेपी सक्रिय है. कांग्रेस और एनसीपी भी अपने विधायकों को एकजुट और लामबंद करने में जुटी हुई है. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की ओर से भेजे गए मिलिंद नार्वेकर और रविंद्र ने 2 घंटे तक एकनाथ शिंदे और बाकी विधायकों से बातचीत की थी. इस दौरान एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे से भी फोन पर बात की और उन्होंने अपनी मांगों के बारे में उद्धव ठाकरे को बताया.
उद्धव ने एकनाथ शिंदे से उनके फैसले पर विचार पुनर्विचार करने और पार्टी में लौटने के लिए कहा था. लेकिन ऐसा होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है. गुवाहाटी जाने से पहले सूरत एयरपोर्ट पर एकनाथ शिंदे ने पत्रकारों से कहा कि वह बाला साहब ठाकरे के हिंदुत्व को आगे ले जाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि बाला साहेब ठाकरे की शिवसेना को ना तो छोड़ा है और ना ही छोड़ेंगे. दूसरी तरफ शिवसेना का कहना है कि पार्टी में हुई बगावत के पीछे बीजेपी का हाथ है और वह महाविकास आघाडी सरकार को गिराना चाहती है.