उत्तर प्रदेश का विधान सभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Elections) तीसरे चरण में प्रवेश करने वाला है. बात अगर दो चरणों की की जाए तो बीजेपी के नेताओं को खुद भरोसा नहीं है कि वह अपना पिछला प्रदर्शन दोहरा पाएंगे या नहीं या फिर कितनी सीटें जीत पाएंगे. मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक तमाम तरह के दावे कर रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है.
जमीनी हकीकत से बेखबर होकर उत्तर प्रदेश का विधान सभा चुनाव शुरू होने से पहले ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ध्रुवीकरण पैदा करने के लिए अलग-अलग बयान देने शुरू कर चुके थे. लेकिन उसका असर दोनों चरणों में देखने को नहीं मिला जिसकी उन्हें उम्मीद थी.
बीजेपी की उत्तर प्रदेश में क्या स्थिति है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लखनऊ कैंट सीट बीजेपी के लिए सबसे सेफ सीट मानी जाती है. अपर्णा यादव इसी सीट की चाहत में बीजेपी में आई थी और रीता बहुगुणा भी अपने बेटे के लिए यही सीट मांग रही थी. लेकिन अब इसी सीट के बीजेपी प्रत्याशी को दरगाह पर जाकर दुआ मांगना पड़ रही है, तो समझ लीजिए यूपी की हालत क्या है.
Yogi सरकार के क़ानून मंत्री और लखनऊ कैंट से BJP प्रत्याशी ब्रजेश पाठक 'दादा मियां' दरगाह पर गए #UPElection2022 pic.twitter.com/eC2gmo3sz4
— News24 (@news24tvchannel) February 17, 2022
उत्तर प्रदेश में तीसरे चरण का मतदान दिलचस्प रहने वाला है. तीसरा चरण बहुत हद तक तय कर देगा कि 10 मार्च को कौन सी राजनीतिक पार्टी की सरकार उत्तर प्रदेश में बनने वाली है. तीसरा चरण तय कर देगा कि क्या योगी आदित्यनाथ फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे या फिर अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश की सत्ता में वापसी करेंगे.