महाराष्ट्र विधान परिषद चुनावों के बाद उद्धव सरकार (Uddhav Sarkar) की मुश्किलें बढ़ती हुई दिखाई दे रही है. शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) से दरअसल शिवसेना का संपर्क नहीं हो रहा है. बताया जा रहा है कि शिंदे आउट ऑफ रीच हो गए हैं और परेशानी की बात यह है कि वह अकेले नहीं, बल्कि उनके साथ शिवसेना के कई विधायक भी उनके साथ हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वह गुजरात के सूरत शहर में किसी होटल में रुके हुए हैं.
आशंका जताई जा रही है कि चुनाव में शिवसेना के कुछ विधायकों ने क्रॉस वोटिंग किया है, जिसके चलते पार्टी को नुकसान हुआ है. सोमवार देर रात महाराष्ट्र की 10 सीटों पर विधान परिषद चुनाव के नतीजे घोषित हो गए हैं. इसमें बीजेपी के 5 उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है, जबकि एनसीपी और शिवसेना के 2-2 उम्मीदवारों के सिर पर जीत का सेहरा बंधा है. वही एक सीट पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है. माना जा रहा है कि बीजेपी को शिवसेना के विधायकों द्वारा की गई क्रॉस वोटिंग का फायदा मिला है.
जानकारी के मुताबिक शिवसेना नेता और सीनियर मंत्री एकनाथ शिंदे का कल चुनाव के बाद से कुछ पता नहीं है. शिंदे के साथ उनका समर्थन करने वाले कुछ विधायक भी उनके साथ हैं. आशंका जताई जा रही है कि शिवसेना के इन्हीं विधायकों ने कल एमएलसी चुनाव में क्रॉस वोटिंग की है. शिवसेना के विधायकों ने कल क्रॉस वोटिंग की है यह साफ नजर आ रहा है. शिवसेना गठबंधन के पास अनुमानित वोट 64 थे, इसमें शिवसेना पार्टी के 55 वोट थे.
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह बताया जा रहा है कि एकनाथ शिंदे से सोमवार दोपहर से ही संपर्क करने की कोशिश शिवसेना द्वारा की जा रही है, लेकिन उनका फोन नहीं लग पा रहा है. मौके की नजाकत को देखते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, शिवसेना पार्टी के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपने विधायकों की 12 बजे बैठक बुलाई है, जिस तरह से विधान परिषद के चुनाव में शिवसेना में क्रॉस वोटिंग की खबरें सामने आई है उसी के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे विधायकों से नाराज चल रहे हैं.
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा था कि महाविकास आघाडी सरकार में विधायक उद्धव ठाकरे सरकार के कामकाज से नाराज हैं, जिसके चलते शिवसेना के विधायकों ने उनके पक्ष में वोट दिया था. पिछले काफी समय से यह खबरें सुर्खियों में थी कि शिवसेना और दूसरी पार्टियों के विधायक महाराष्ट्र सरकार से नाराज हैं. क्योंकि ना तो मुख्यमंत्री और ना ही मंत्री उनके इलाके में होने वाले कामकाज को करने के लिए फंड मुहैया करा रहे हैं.
क्या गिर जाएगी महाराष्ट्र सरकार?
महाराष्ट्र में अगर यह गायब हुए विधायक बागी हो गए तो सरकार गिर सकती है. दरअसल राज्य में उद्धव ठाकरे सरकार के पास 153 विधायकों का समर्थन प्राप्त है. सरकार बनाने के लिए 145 विधायक चाहिए. अगर शिवसेना में फूट होती है और कांग्रेस के भी कुछ विधायक बागी तेवर अख्तियार करते हैं तो सरकार के लिए खतरे की घंटी हो सकती है. देखा जाए तो महाराष्ट्र में उद्धव सरकार पर संकट गहराता हुआ दिखाई दे रहा है. लेकिन उद्धव ठाकरे इस संकट से किस तरह से निकलते हैं वह भी देखने वाली बात होगी और तीनों पार्टियां, जो सरकार में शामिल हैं वह किस तरीके से इस संकट का सामना मिलकर करती हैं. वह भी देखने जैसा होगा.