उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के महाराष्ट्र मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देते ही अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangana Ranaut) में अपनी पुरानी खुन्नस निकाली है. कंगना ने उद्धव ठाकरे के शासन की तुलना 1975 के आपातकाल से कर दी. फेसबुक पर कंगना ने अपना एक वीडियो मैसेज शेयर किया. इसके कैप्शन में उन्होंने लिखा- जब पाप बढ़ जाता है तो सर्वनाश होता है और इसके बाद सृजन होता है और जिंदगी का कमल खिलता है.
कंगना का इशारा महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन से था. शिवसेना को शिव भी नहीं बचा सकते ऐसा उन्होंने कहा. कंगना ने वीडियो मैसेज में कहा कि 1975 के बाद यह समय भारत के लोकतंत्र का सबसे महत्वपूर्ण समय है. 1975 में लोकनेता जेपी नारायण की एक ललकार सिंहासन छोड़ो कि जनता आती है.. से सिंहासन गिर गए थे. 2020 में मैंने कहा था कि लोकतंत्र विश्वास है और सत्ता के घमंड में आकर जो इस विश्वास को तोड़ता है उसका घमंड टूटना भी निश्चित है. यह किसी व्यक्ति विशेष की कोई शक्ति नहीं है, यह शक्ति एक सच्चे चरित्र की है.
इसके अलावा कंगना रनौत ने हनुमान चालीसा विवाद पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि हनुमानजी को शिव का अवतार माना जाता है और जब शिवसेना ही हनुमान चालीसा को बैंन कर दे तो फिर उन्हें शिव भी नहीं बचा सकते. हर हर महादेव. जय हिंद, जय महाराष्ट्र.
आपको बता दें कि बीएमसी द्वारा कंगना रनौत के दफ्तर पर हुई कार्यवाही के बाद सही कंगना लगातार उद्धव ठाकरे के खिलाफ बोलती रही हैं. उन्होंने उस वक्त कहा था कि उद्धव ठाकरे तुझे क्या लगता है कि तूने फिल्म माफिया के साथ मिलकर मेरा घर तोड़कर मुझसे बहुत बड़ा बदला ले लिया है? आज मेरा घर टूटा है कल तेरा घमंड टूटेगा. यह वक्त का पहिया है, याद रखना. हमेशा एक जैसा नहीं रहता और मुझे लगता है कि तुमने मुझ पर बहुत बड़ा एहसान किया है.
आपको बता दें कि उस वक्त महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ जिन शब्दों का चयन कंगना ने किया था उसकी काफी आलोचना हुई थी. कंगना ने बीएमसी द्वारा की गई कार्रवाई का जिम्मेदार उद्धव ठाकरे सरकार को बताया था. जबकि उस वक्त अवैध निर्माण तोड़ा गया था.