पंजाबी गायक सिद्धू सिंह मूसेवाला कि रविवार को गो’ली मारकर ह’त्या कर दी गई. उन पर मनसा के जवाहरके गांव के पास फायरिंग हुई थी. मूसेवाला को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. एक दिन पहले ही पंजाब सरकार ने उनकी सुरक्षा वापस ली थी. अब पंजाब सरकार सवालों के घेरे में है कि आखिर किस आधार पर उनकी सुरक्षा वापस ली गई थी.
ऐसा बताया जा रहा है कि हमलावर काले रंग की कार से आए थे और अंधाधुंध फायरिंग की, जिसमें सिद्धू सिंह मूसेवाला ने तुरंत दम तोड़ दिया. यह बताया जा रहा है कि उन्हें गैंगस्टररो से धमकियां मिली थी, उसके बावजूद पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार ने कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए सुरक्षा वापस ली थी.
हाल ही में उन्होंने पॉलिटिक्स ज्वाइन की थी और कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था. 17 जून 1993 को जन्मे सुखदीप सिंह उर्फ सिद्धू उर्फ सिद्धू मूसे वाला मानसा जिले के मूस वाला गांव के रहने वाले थे. उनके लाखों फैन इस वक्त दुखी हैं. वह अपने गानों के कारण काफी फेमस है. उनके पिता भोला सिंह पूर्व सेना अधिकारी थे और मां चरण कौर गांव की सरपंच है. उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की. उन्होंने अपने कॉलेज के दिनों में संगीत सीखा और बाद में कनाडा चले गए.
मूसेवाला को सबसे विवादास्पद पंजाबी गायकों के तौर पर माना जाता है. आरोप लगा था कि उन्होंने खुलेआम गन कल्चर को बढ़ावा दिया है. उनके कई गाने विवादों से घिरे हुए रहे हैं. मई 2020 में बरनाला गांव में फायरिंग रेंज में फायरिंग करते हुए एक वीडियो क्लिप वायरल हुई थी. इस मामले में उनके खिलाफ केस भी दर्ज किया गया था, हालांकि बाद में एक अदालत ने उन्हें जमानत दे दी थी.
दिसंबर 2021 में उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन की थी. उन्हें तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष सिद्धू ने ज्वाइन कराया था. उसके बाद उनकी मुलाकात राहुल गांधी से भी हुई थी.
आम आदमी पार्टी की सरकार की हो रही आलोचना
पंजाब सरकार ने शनिवार को 424 धार्मिक राजनीतिक और पुलिस अधिकारियों की सुरक्षा वापस ले ली थी या कम कर दी थी. इसमें सिद्धू मूसेवाला का नाम भी शामिल था. युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास ने सिद्दू मूसेवाला की मौत के लिए प्रदेश की आम आदमी पार्टी की सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. कई लोग आम आदमी पार्टी सरकार से लगातार सवाल कर रहे हैं कि आखिर किस आधार पर सुरक्षा कम कर दी गई थी. कई लोग तो यह भी आरोप लगा रहे हैं कि राजनीतिक द्वेष के चलते राजनीतिक विरोधियों की सुरक्षा को आम आदमी पार्टी सरकार पंजाब में कम कर रही है.