मध्य प्रदेश में “शहर सरकार” की तस्वीर साफ हो गई है. 11 नगर निगमों में से सात के नतीजे आ गए हैं. एक-एक सीट कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के खाते में गई है. जबकि 5 पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है. भोपाल और इंदौर में बीजेपी प्रत्याशी निर्णायक बढ़त के साथ आगे हैं. सबसे बड़ा उलटफेर सिंगरौली नगर निगम में हुआ है. सिंगरौली नगर निगम में जीत के जरिए मध्य प्रदेश की सियासत में आम आदमी पार्टी की एंट्री हुई है.
बुरहानपुर नगर निगम में ओवैसी की पार्टी ने कांग्रेस का खेल बिगाड़ दिया है. यहां बीजेपी की माधुरी पटेल ने 542 वोटों से जीत दर्ज की है. माधुरी पटेल को 52823 वोट मिले हैं, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी शहनाज बानो को 52281 वोट मिले हैं. यहां ओवैसी की पार्टी की मेयर प्रत्याशी को 10322 वोट मिले हैं. नोटा के खाते में जीत के अंतर से ज्यादा 677 वोट गए हैं.
ग्वालियर नगर निगम पर भी सभी की निगाहें टिकी हुई थी, क्योंकि यह बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का क्षेत्र है. सिंधिया का क्षेत्र है इसलिए भी यह सीट खास थी. क्योंकि पिछले विधानसभा चुनाव के बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन कर ली थी और कांग्रेस की सरकार मध्यप्रदेश में गिर गई थी यहां पर कांग्रेस प्रत्याशी शोभा सिकरवार की जीत हुई है.
कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में कांग्रेस ने वापसी कर ली है. यहां पिछली बार बीजेपी का मेयर था. कांग्रेस प्रत्याशी विक्रम अहाके 3547 वोटों से जीत गए हैं. विक्रम ने बीजेपी के अनंत धुर्वे को हराया है. इस सीट के लिए कमलनाथ के बेटे तथा सांसद नकुल नाथ पूरे समय सक्रिय थे.
प्रदेश में 36 नगर पालिकाओं के लिए हुई मतगणना में 31 पर बीजेपी को स्पष्ट बहुमत मिला है. कांग्रेस चार नगर पालिकाओं पर सिमटती हुई दिखाई दे रही है. बालाघाट जिले की वारासिवनी में निर्दलीय सरकार बन रही है. गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के प्रभाव वाली दतिया नगर पालिका में 36 वार्डों में 32 पर बीजेपी प्रत्याशी जीत चुकी हैं. डबरा में भी बीजेपी के 17 पार्षद जीते हैं. लहार नगर पालिका में बीजेपी खाता भी नहीं खोल पाई है. यहां 13 सीटों पर कांग्रेसी उम्मीदवारों को जीत मिली है दो पर निर्दलीय जीते हैं.