अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) शुक्रवार शाम सऊदी अरब के दौरे पर पहुंचे बतौर राष्ट्रपति यह उनका सऊदी अरब का पहला दौरा है. जो बाइडन के सत्ता में आने के बाद सऊदी अरब और अमेरिका के रिश्ते में काफी तनाव की बात कही जा रही थी. अमेरिकी राष्ट्रपति के इस दौरे को सऊदी अरब के साथ रिश्तो को पटरी पर लाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. इसके अलावा बाइडन चाहते हैं कि सऊदी अरब तेल का उत्पादन बढ़ाएं और इसके इस इलाके में इजरायल की स्वीकार्यता बढे.
सऊदी अरब के दौरे पर गए अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (Mohammed Bin Salman) और दूसरे वरिष्ठ सऊदी अधिकारियों के सामने पत्रकार जमाल खागोशी (Jamal Khashoggi) की ह’त्या का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि सऊदी अधिकारियों से बातचीत के दौरान उन्होंने मानवाधिकारों पर चर्चा की और साथ ही साथ राजनीतिक सुधारों की जरूरत पर भी बात की.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने मीडिया को बताया कि जैसा कि मैं हमेशा करता हूं, मैंने यह साफ कहा कि मानवाधिकारों का टॉपिक मेरे लिए और अमेरिका के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैै. मैंने पत्रकार जमाल खागोशी की ह’त्या का मुद्दा भी मीटिंग में उठाया. मैंने यह साफ किया कि मैं उस समय क्या सोचता था और अब क्या सोचता हूं. उन्होंने कहा कि सऊदी क्रॉउन प्रिंस ने उन्हें बताया कि वह जमाल खागोशी की ह’त्या के लिए व्यक्तिगत तौर पर जिम्मेदार नहीं थे और जो लोग जिम्मेदार थे उनके खिलाफ कार्यवाही की गई.
जो बाइडन की तरफ से यह सारी बातें उस वक्त की गई जब 15 जुलाई को मोहम्मद बिन सलमान के साथ उनकी एक तस्वीर सामने आई थी. इस तस्वीर में अमेरिकी राष्ट्रपति सलमान के साथ बहुत सहज नजर आ रहे थे. जमाल खागोशी की ह’त्या के लिए अमेरिकी इंटेलिजेंस एजेंसियां सीधे तौर पर मोहम्मद बिन सलमान को जिम्मेदार मानती हैं. ऐसे में सलमान के साथ तस्वीर सामने आने पर जो बाइडन की तीखी आलोचना हुई थी.
2019 में जब जो बाइडन अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए अपनी दावेदारी पेश कर रहे थे तब उन्होंने कहा था कि जमाल खागोशी की ह’त्या को लेकर वह सऊदी साम्राज्य के साथ कड़ाई से पेश आएंगे. पत्रकार जमाल खागोशी की साल 2018 में तुर्की की राजधानी इस्तांबुल में स्थित सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में ह’त्या कर दी गई थी. सऊदी अरब की तरफ से बार-बार कहा जाता रहा है कि खागोशी की ह’त्या एक गलत उद्देश्य के साथ चलाए गए ऑपरेशन के तहत हुई और इसकी जानकारी न मोहम्मद बिन सलमान और न ही दूसरे बड़े अधिकारियों को थी और न ही उन्होंने मंजूरी दी.
आपको बता दें कि अपने चुनाव प्रचार के दौरान सऊदी अरब को खराब मानवाधिकार रिकॉर्ड के चलते अलग-थलग करने की कसम खाने वाले जो बाइडन अब संबंधों को मजबूत करने के लिए सऊदी अरब पहुंचे हैं. क्रॉउन प्रिंस के साथ बाइडन की मुलाकात करीब 3 घंटे तक चली, जिसमें कई मुद्दों पर बातचीत हुई है. मौजूदा अमेरिकी राष्ट्रपति को सऊदी क्रॉउन प्रिंस का बड़ा आलोचक माना जाता था. ऐसे में जो बाइडन की सऊदी अरब की यात्रा को लेकर काफी आलोचना हुई है.