कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा में हाथ से हाथ मिलाकर चलने वाली रेसलर नैना कंवल की कहानी बड़ी संघर्ष भरी है. नैना पिछले 12 सालों से कुश्ती के मैदान में डटी हुई हैं. एक बार नैना के कंधे पर चोट भी आई जिससे उन्हें कुश्ती से बाहर होना पड़ा. मगर नैना ने मैदान नहीं छोड़ा. कुछ दिनों बाद फिर मैदान पर नैना की वापसी हुई और उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नैना ने बताया है कि उन्होंने वर्ष 2011 में कुश्ती खेलना शुरू किया था. कुश्ती की शुरुआत हरियाणा के जींद के चौधरी भरत सिंह मेमोरियल स्पोर्ट्स स्कूल निदानी से की थी. पहले कुश्ती कोच सुभाष लोहान थे. सुभाष ने नैना को लगभग 3 साल तक कुश्ती के दांव पेंच सिखाएं.
इसके बाद उसने 7 साल बाद 2018 में रोहतक का रूख किया और चौधरी सर छोटूराम स्टेडियम में कुश्ती कोच मनदीप के मार्गदर्शन में कुश्ती के गुण सीखने लगी. यहीं से नैना मजबूत स्थिति में चली गई.
Naina Kanwal
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नैना राष्ट्रीय खेलों के बाद जब अंतरराष्ट्रीय में उतरीं तो वहां भारत का झंडा फहराया. यूरोप में आयोजित प्रतियोगिता में नैना ने भारत की जर्सी पहनकर खेला था. नैना की पसंदीदा खिलाड़ी साक्षी मलिक हैं. एक बार नैना के कंधे में चोट आई उसके बाद से नैना को पहलवानी से दूर जाना पड़ा. लेकिन नैना ने हार नहीं मानी और दोबारा से वापसी की.