नेशनल हेराल्ड केस (National Herald Case) में आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी की प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेशी है. इस मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी को ईडी ने समन किया है. लेकिन सोनिया गांधी इस समय कोविड पॉजिटिव है और अस्पताल में भर्ती हैं. राहुल गांधी की पेशी से पहले प्रियंका गांधी उनसे मिलने उनके घर गईं.
राहुल गांधी की पेशी को लेकर कांग्रेस अपना शक्ति प्रदर्शन कर रही है. कांग्रेस का आरोप है कि इस मामले में पार्टी के सीनियर नेताओं को बेवजह केंद्र के मोदी सरकार द्वारा परेशान किया जा रहा है. कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि राहुल गांधी किसी भी हालत में झुकेंगे नहीं. कांग्रेस की योजना है कि राहुल गांधी समेत पार्टी के सभी नेता पार्टी मुख्यालय से ईडी ऑफिस तक जाएंगे.
जिस केस में ईडी द्वारा समन दिया गया है दरअसल वह केस नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र से जुड़ा हुआ है. जो आजादी से पहले का अखबार है. इस अखबार की शुरुआत इंदिरा गांधी के पिता और देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1938 में की थी. नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड नाम की कंपनी करती थी. इस कंपनी की स्थापना 1937 में की गई थी और नेहरू के अलावा 5000 स्वतंत्रता सेनानी इसके शेयर होल्डर्स थे.
अंग्रेजों के चुभते थे अखबार के तेवर
आजादी की लड़ाई के दौरान नेशनल हेराल्ड स्वतंत्रता सेनानियों की आवाज को स्थान देने वाला प्रमुख मुखपत्र बन गया था. इस पत्र का उद्देश्य कांग्रेस के उदारवादी धड़े के विचारों और चिंताओं और संघर्षों को मंच प्रदान करना था. नेहरू इस अखबार में संपादकीय लिखते थे और ब्रिटिश सरकार की नीतियों की कड़ी समीक्षा, आलोचना करते थे. अंग्रेजी सत्ता को अखबार का यह तेवर चुभने लगा था. आखिरकार 1942 में अंग्रेजों ने इस समाचार पत्र को प्रतिबंधित कर दिया था.
1945 में इस अखबार को फिर से शुरू किया गया. 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद नेहरू देश के प्रथम प्रधानमंत्री बने और उन्होंने अखबार के बोर्ड के अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया. लेकिन अखबार का प्रकाशन जारी रहा और कई नामी पत्रकार इसके संपादक बने. यह अखबार कांग्रेस की नीतियों के प्रचार प्रसार का मुख्य जरिया बना रहा.
क्या है आरोप?
साल 2012 में बीजेपी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने निचली अदालत में एक शिकायत दर्ज करवाई. उन्होंने आरोप लगाया कि यंग इंडिया लिमिटेड द्वारा एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के अधिग्रहण में धोखाधड़ी विश्वासघात किया गया, इसमें कांग्रेस के कुछ नेता शामिल थे. स्वामी का आरोप था कि वाईआईएल में नेशनल वालों की संपत्ति पर गलत तरीके से कब्जा किया था. सुब्रमण्यम स्वामी ने गांधी परिवार पर भी कुछ आरोप लगाए थे. उन्होंने आरोप लगाया था कि गांधी परिवार ने कांग्रेस पार्टी के फंड का इस्तेमाल करके एजेएल का अधिग्रहण कर लिया.
कांग्रेस का क्या कहना है?
सुब्रमण्यम स्वामी के आरोपों पर कांग्रेस ने कहा कि इस मामले में स्वामी को सुने जाने का कोई अधिकार नहीं है. और यह केस सिर्फ राजनीतिक दुर्भावना से फाइल किया गया है. कांग्रेस का कहना है कि जब नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन करने वाले एजेएल को वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ा तो कांग्रेस ने उसे बचा लिया, क्योंकि वह अपनी ऐतिहासिक विरासत में विश्वास करती थी. इसके अलावा कांग्रेस का यह भी कहना है कि एजेएल के पास अभी भी नेशनल हेराल्ड का मालिक, प्रिंटर और प्रकाशक बना रहेगा और संपत्ति का कोई परिवर्तन या हस्तांतरण नहीं हुआ है.
अब क्या हो रहा है?
इस पूरे केस में राहुल गांधी प्रियंका गांधी के साथ डीडी मुख्यालय पहुंच चुके हैं. राहुल गांधी से पूछताछ के विरोध में कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि नेशनल हेराल्ड में कोई घोटाला नहीं हुआ है. नेशनल हेराल्ड कंपनी ने यंग इंडिया कंपनी का बकाया चुका है और कर्मचारियों का वेतन दिया. हमने भाजपा सरकार की तरह भारत की सरकारी संपत्तियों को बेचा नहीं है.
वही रॉबर्ट वाड्रा ने राहुल गांधी के साथ एकजुटता दिखाते हुए कहा है कि राहुल सभी निराधार आरोपों से मुक्त होंगे. उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज मामलों का हवाला देते हुए कहा है कि ईडी ने उन्हें 15 बार बुलाया और पूछताछ की. उन्होंने अपने फेसबुक पर पोस्ट लिखते हुए कहा कि मैं प्रवर्तन निदेशालय के साथ 15 बार समन और यात्राओं के माध्यम से गया हूं और हर बार सवाल का जवाब दिया है. और अब तक अर्जित मेरे पहले रुपए के 23000 से अधिक दस्तावेज वितरित किए हैं.