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पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया या पीएफ़आई और इससे जुड़े संगठन या संस्थाओं को अवैध संस्था घोषित कर दिया गया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी करके बताया है कि पीएफ़आई को अगले 5 साल तक अवैध संस्था माना जाएगा. केंद्र सरकार ने अपने आदेश में पीएफ़आई पर गुप्त एजेंडा चलाकर एक वर्ग विशेष को कट्टर बनाने और आतंकी संगठनों से जुड़े होने की बात कही है.

मंत्रालय के आदेश में लिखा गया है कि पीएफ़आई और इसके सहयोगी संगठन या संबद्ध संस्थाएं या अग्रणी संगठन एक सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक संगठन के रूप में काम करते हैं, मगर यह गुप्त एजेंडा के तहत समाज के एक वर्ग विशेष को कट्टर बनाकर लोकतंत्र की अवधारणा को कमजोर करने की दिशा में काम करते हैं.

मंत्रालय की तरफ से यह भी कहा गया है कि पीएफ़आई कई अपराधिक और आतंकी मामलों में शामिल रहा है और यह देश के संवैधानिक प्राधिकार का अनादर करता है. साथ ही यह बाहर से फंडिंग लेकर देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन गया है. आदेश में कहा गया है कि पीएफ़आई का संबंध बांग्लादेश और भारत के दो ऐसे संगठनों से रहा है जिन पर प्रतिबंध लगा हुआ है.

गृह मंत्रालय के आदेश में कहा गया है कि पीएफ़आई के वैश्विक आतंकवादी समूहों के साथ संपर्क के कई उदाहरण हैं. पीएफ़आई के कुछ सदस्य आईएसआईएस में शामिल हुए और सीरिया इराक और अफगानिस्तान में आतंकी कार्यकलापों में भाग ले चुके हैं. पीएफ़आई के कुछ काडर इन देशों के संघर्ष क्षेत्रों में मारे गए हैं कई काडर को राज्य और केंद्रीय पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इसमें बताया गया है कि पीएफ़आई का संबंध आतंकवादी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश से भी रहा है.

आपको बता दें कि पिछले दिनों देश भर में पीएफ़आई के दफ्तरों में नेताओं और सदस्यों के घरों पर बड़े पैमाने पर छापेमारी की गई थी. राष्ट्रीय जांच एजेंसी, प्रवर्तन निदेशालय और राज्यों की पुलिस ने एक साथ मिलकर यह छापेमारी की थी. मंगलवार को देश के 7 राज्यों में छापेमारी के बाद पीएफ़आई से कथित तौर पर जुड़े होने के आरोप में 150 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया था. 27 सितंबर को दिल्ली, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में छापे मारे गए.

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