केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) एक ‘तानाशाह’ नहीं बल्कि देश के अब तक के सबसे लोकतांत्रिक नेता हैं. क्योंकि उन्होंने सभी से सलाह लेने के बाद ही हर महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. शाह ने यह टिप्पणी नरेंद्र मोदी के 7 अक्टूबर को पब्लिक ऑफिस में 20 साल पूरे करने के अवसर पर संसद टीवी (Sansad TV) के साथ एक विशेष इंटरव्यू के दौरान की.
शाह ने कहा कि मोदी के एकतरफा फैसले लेने की धारणा कुछ लोगों ने उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने के मकसद से बनाई है.
शाह ने कहा मोदी ने कई साहसिक फैसले लिए
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा “हां वह कुछ जोखिम लेते हैं और अनुशासन पर जोर देते हैं, लेकिन शासन और नीति से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णय लेते समय अपनी इच्छा कभी नहीं थोपते । मोदी मानते हैं और उन्होंने कई बार यह कहा भी है कि हम सिर्फ सरकार चलाने के लिए नहीं आए हैं, बल्कि भारत बनाने के लिए आए हैं.
शाह ने कहा कि जिन लोगों ने पीएम मोदी के साथ काम किया है, जिसमें उनके आलोचक भी शामिल हैं, वे इस बात से सहमत होंगे कि कैबिनेट को पहले कभी इतने लोकतांत्रिक तरीके से नहीं चलाया गया. मैंने पीएम नरेंद्र मोदी जैसा अच्छा श्रोता कभी नहीं देखा. वह सभी की सुनते हैं और सुझाव की गुणवत्ता को महत्व देते हैं, क्योंकि वह प्रधानमंत्री हैं, इसलिए निश्चित रूप से आखरी निर्णय उनके पास है.
शाह ने कहा कि नोटबंदी ,अनुच्छेद 370 को निरस्त करना और तीन तलाक पर प्रतिबंध लगाना पीएम मोदी के कुछ साहसिक फैसले थे. उन्होंने आगे कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक (भारतीय क्षेत्र में गंभीर आतंकी हमलों के जवाब में) एक अमेरिकी अवधारणा थी और नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने से पहले, यह सवाल से बाहर था. उन्होंने कहा कि मोदी ने देश में राजनीति के आयाम बदल दिए हैं और इसलिए उन पर व्यक्तिगत हमले हो रहे हैं.
किसानों की बेहतरी के लिए लाए कृषि सुधान कानून
शाह ने कहा कि मोदी अच्छी सलाह देने वाले लोगों की बातों को प्राथमिकता देते हैं. इससे फर्क नहीं पड़ता कि सलाह देने वाला व्यक्ति कौन है. उनकी आलोचना करने वाले भी इस बात को मानते हैं कि इससे पहले किसी कैबिनेट ने इतने स्वतंत्र रूप से कभी काम नहीं किया. अमित शाह ने कृषि सुधार कानूनों के मुद्दे पर भी पीएम मोदी का बचाव किया. उन्होंने कहा कि इस कानून के बारे में चिंता करने जैसी कोई बात नहीं है. गृहमंत्री ने बिल को किसानों के लिए उठाया गया जरूरी कदम करार दिया.