प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) आज विपक्ष पर पलटवार के मूड में थे. पिछले कई दिनों से पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों पर मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर थी. मौका तो महामारी पर मुख्यमंत्रियों की मीटिंग का था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने न सिर्फ पेट्रोल डीजल के बढ़े दाम का जिक्र छेड़ा, बल्कि इस मामले में गेंद भी विपक्षी दलों के मुख्यमंत्रियों के पाले में डाल दी.
प्रधानमंत्री मोदी ने तेल की कीमतों में महंगाई की वजह रूस यूक्रेन युद्ध को बताया. फिर उन्होंने केंद्र और राज्यों के बीच तालमेल की दुहाई दी और विपक्षी मुख्यमंत्रियों से कहा कि वह जनता को राहत देने के लिए पेट्रोल डीजल पर टैक्स घटाएं, जैसे केंद्र ने नवंबर के महीने में एक्साइज ड्यूटी घटाई थी.
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा गेंद विपक्ष के पाले में डाले जाने के बाद कांग्रेस ने पलटवार किया है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री मोदी को जवाब देते हुए यूपीए सरकार और मौजूदा एनडीए सरकार में एक्साइज ड्यूटी के आंकड़े जारी किए हैं. साथ ही मांग करते हुए कहा है कि पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई गई उसे तुरंत वापस लिया जाए.
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि मोदी जी, कोई आलोचना नहीं, कोई जुमले नहीं. कांग्रेस के दौर में पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 9.48 प्रति लीटर थी और डीजल पर 3.56 प्रति लीटर. लेकिन मोदी सरकार के दौर में पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 27.9 प्रति लीटर और डीजल पर 21.80 प्रति लीटर है. इस हिसाब से सरकार तुरंत पेट्रोल और डीजल पर ₹18 एक्साइज ड्यूटी कम करें.
अब इस पूरे मामले में पत्रकार प्रज्ञा मिश्रा (Pragya Mishra) ने भी एक ट्वीट किया है, जो काफी वायरल हो रहा है. उन्होंने लिखा है कि, पहली बार मोदी जी महंगाई का म बोलने के लिए तैयार हुए हैं. कहा तेल पर एक्साइज ड्यूटी हमने कम कर दी थी. विपक्षी राज्यों ने वैट कम नहीं किया इसलिए पेट्रोल महंगा है. ये नहीं बताया कि एक्साइज ड्यूटी कितनी बढ़ाकर केवल 5 और 10 रूपए कम किए थे.
पहली बार मोदी जी महंगाई का म बोलने के लिए तैयार हुए हैं..कहा तेल पर एक्साइज ड्यूटी हमने कम कर दी थी..विपक्षी राज्यों ने वैट कम नहीं किया इसलिए पेट्रोल महंगा है..ये नहीं बताया कि एक्साइज ड्यूटी कितनी बढ़ाकर केवल 5 और 10 रूपए कम किए थे.. pic.twitter.com/c1gKPcMgFC
— Pragya Mishra (@PragyaLive) April 27, 2022
आपको बता दें कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों के बढ़ने के बाद महंगाई बेतहाशा बढ़ी है. केंद्र सरकार जनता और विपक्ष के निशाने पर है. लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी सरकार की तरफ से इस को कम करने को लेकर कोई एक्शन प्लान सामने रखने की जगह विपक्ष को ही इसके लिए जिम्मेदार बता दिया.