इस वक्त राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा में है और यह राजस्थान में प्रवेश होने वाली है. राजस्थान में प्रवेश करने में ज्यादा दिन नहीं बचे हैं और इस बीच कांग्रेस में बवाल मचा हुआ है. 25 सितंबर को जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक से अलग विधायकों के साथ मीटिंग रखने को लेकर हुए विवाद के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के तीन वफादारों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने से राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन ने इस्तीफा दे दिया है. अजय माकन ने 8 सितंबर को कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर इस पद पर नहीं बने रहने की इच्छा जाहिर की थी.
अजय माकन की नाराजगी की वजह अनुशासन समिति द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी करने के बावजूद राजस्थान के संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल पार्टी के मुख्य सचेतक महेश जोशी और राजस्थान पर्यटन विकास निगम अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौर के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं किया जाना है. अजय माकन ने कांग्रेस अध्यक्ष से कहा है कि उनके पास राज्य के प्रभारी महासचिव के रूप में बने रहने के लिए कोई नैतिक अधिकार नहीं है.
उन्होंने विधायकों द्वारा सीएलपी की बैठक के बहिष्कार के मुद्दे पर कोई समाधान नहीं होने से नाराज होकर इस्तीफा देने की बात लिखी है. उन्होंने कहा है कि मैं किस अधिकार से विधायकों के साथ बातचीत करूंगा या प्रभारी के रूप में अपने काम करूंगा? घोर अनुशासनहीनता थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष की तरफ से अजय माकन का इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस सप्ताह की शुरुआत में भारत जोड़ो यात्रा की योजना के लिए आयोजित की गई मीटिंग से भी मकान दूर रहें. यह मीटिंग यात्रा की तैयारियों का जायजा लेने के लिए थी.
इसके अलावा पायलट समर्थक विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खेमें पर निशाना साधा है. उन्होंने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान में आने से पहले ही विधायक दल की बैठक बुलाकर नए नेता का चयन करने और नोटिस वाले तीनों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा है कि 1 साल का राज बचा है. फिर से राज में आना है तो सब जल्दी फैसले करने होंगे. जो करना है वह 1 साल में ही करना होगा. जिन्हें बदलना है वह काम राहुल गांधी की यात्रा से पहले ही कर देना चाहिए.
आपको बता दें कि राजस्थान में लंबे वक्त से मुख्यमंत्री को बदले जाने का मामला बेहद गंभीर रहा है. राजस्थान में अगले साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं और सचिन पायलट के समर्थकों की मांग उनके नेता को मुख्यमंत्री बनाने की है. इससे पहले जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लेकर चर्चा थी कि वह अध्यक्ष का चुनाव लड़ेंगे तभी से राजस्थान में सियासी पारा चढ़ने लगा था लेकिन विधायकों की बगावत के बाद अशोक गहलोत ने राजस्थान के घटनाक्रम के लिए पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी से माफी मांगी और कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था.