देश के 15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों पर हो रहे चुनाव के लिए मंगलवार को अधिसूचना जारी होगी. इसके साथ ही नामांकन दाखिल करने का सिलसिला शुरू हो जाएगा. नामांकन 31 मई तक दाखिल किए जा सकेंगे. राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को अधिकतम 9 सीटें मिल सकती हैं. लेकिन अगर सहयोगी दलों ने दरियादिली दिखाई तो यह आंकड़ा 10 से 11 तक पहुंच सकता है.
लेकिन इन राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव के साथ ही कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान भी सामने निकल कर आ सकती है. राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए उम्मीदवारों का चयन एक बड़ी चुनौती बन सकता है. क्योंकि राज्यसभा के लिए पार्टी की स्थिति एक अनार सौ बीमार जैसी है. ऐसे में उम्मीदवारों के चयन में कांग्रेस हाईकमान को राजनैतिक समीकरण साधने के साथ ही अंदरूनी खींचतान थामने के लिए भारी मशक्कत करनी पड़ सकती है.
उदयपुर चिंतन शिविर में कांग्रेस ने 50 फ़ीसदी सीटें युवाओं को देने का ऐलान किया था, तो दूसरी तरफ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को राज्यसभा भेजने का दबाव है. ऐसे में कांग्रेसी बुजुर्ग और नई पीढ़ी के बीच संतुलन बनाने के बीच कशमकश में फंसी हुई है. राज्यसभा में कांग्रेस की 8 सीटें खाली हो रही हैं. इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम, जयराम रमेश, कपिल सिब्बल, छाया शर्मा, विवेक तंखा, अंबिका सोनी जैसे नेता शामिल हैं.
दूसरी तरफ गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, प्रमोद तिवारी, कुमारी शैलजा, संजय निरुपम, राजीव शुक्ला, राज बब्बर जैसे कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की लंबी सूची है, जो उच्च सदन में जाने के इंतजार में हैं. ऐसे में कांग्रेस के सामने बड़ी संकट की स्थिति पैदा हो सकती है. देखना यह होगा कि कांग्रेस का नेतृत्व इस परिस्थिति से कैसे निकलता है और आपसी खींचतान को किस तरह शांत करता है.
हर प्रदेश में कांग्रेस के लिए स्थिति विकट खड़ी हो सकती है. कांग्रेस के पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम इस बार महाराष्ट्र की जगह अपने गृह प्रदेश तमिलनाडु से राज्यसभा में आ सकते हैं. क्योंकि कांग्रेस डीएमके के बीच हुए विधानसभा चुनाव के दौरान सीट शेयरिंग में एक राज्यसभा सीट कांग्रेस को देने का फार्मूला तय हुआ था. ऐसे में इस सीट पर चिदंबरम के अलावा कांग्रेस के प्रवीण चक्रवर्ती की दावेदार माने जा रहे हैं. दोनों में से कांग्रेस नेतृत्व किसको राज्यसभा भेजता है यह देखने वाली बात होगी.
कर्नाटक की चार राज्यसभा सीटों पर चुनाव है, जिसमें से 2 सीटें बीजेपी और एक सीट कांग्रेस की पक्की है. जबकि एक सीट पर राजनीतिक घमासान देखने को मिलेगा. ऐसे में कांग्रेस को मिलने वाली एक सीट पर जयराम रमेश की वापसी हो सकती है. कर्नाटक के कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार और नेता विपक्ष तथा पूर्व मुख्यमंत्री श्री सिद्धरमैया के साथ 3 दिन पहले सोनिया गांधी ने मुलाकात करके राज्यसभा के उम्मीदवार के मामले पर चर्चा की थी. लेकिन पार्टी कैसे भेजेगी यह बात सामने नहीं आई है.
राजस्थान की 4 राज्यसभा सीटों पर चुनाव है जिनमें से 2 सीटें कांग्रेस की पक्की है और तीसरी सीट निर्दलीय विधायकों को साधक जीत सकती है. जबकि एक सीट बीजेपी को मिलेगी. ऐसे में राजस्थान से कांग्रेस नेता राज्यसभा जाने की जुगत में है और पुराने दिग्गजों और नए नेताओं के बीच दावेदारी की खींचतान अधिक दिखाई दे रही है. कांग्रेस के असंतुष्ट खेमे की अगुवाई करने वाले नेता गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा को फिर से राज्यसभा भेजने का दबाव है तो अजय माकन तथा रणदीप सुरजेवाला के नाम की भी चर्चा चल रही है.
अगले साल राजस्थान में विधानसभा चुनाव भी होंगे ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी की तरफ से राजस्थान से किस से राज्यसभा भेजा जा रहा है. इसके अलावा मध्यप्रदेश में तीन राज्यसभा सीटों पर चुनाव हो रहे हैं विधायकों और मौजूदा संख्या बल के लिहाज से 2 सीटें बीजेपी और एक कांग्रेस को मिलता है. ऐसे में कांग्रेस मध्य प्रदेश से भी किससे भेजती है इस पर भी सबकी नजरें होंगी.