Priyanka Gandhi House Arrest

30 घंटे से भी अधिक का समय गुजर चुका है और बिना किसी एफआईआर के एक महिला नेता को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Sarkar) ने हाउस अरेस्ट किया हुआ है. इसको लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. आखिर पीड़ित किसानों से प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) मिलेंगी तो क्या परेशानी हो जाएगी योगी सरकार को?

कई लोग कह रहे हैं कि प्रियंका गांधी की गिरफ्तारी योगी सरकार ने जानबूझकर की हुई है ताकि प्रियंका गांधी को अधिक से अधिक मीडिया बाइट मिले और उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी बीजेपी को टक्कर दे सकती है इस बात को दबाया जा सके. ऐसा बीजेपी के विरोधियों का कहना है और जो समाजवादी पार्टी के समर्थक लोग हैं उनका.

इस बात में कितनी सच्चाई है?

प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) की तरफ से दूसरे दिन का इंतजार नहीं किया गया, जैसे दूसरी पार्टी के नेताओं ने किया, अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने किया. प्रियंका गांधी रात में ही लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) के लिए निकल गई. पुलिस से संघर्ष करती रही. लखनऊ से निकलने में कामयाब हुई. लेकिन रात भर संघर्ष करने के बाद सुबह पुलिस ने उन्हें हाउस अरेस्ट कर दिया, जहां पर पुलिस से प्रियंका गांधी की बहस भी हुई. इसका वीडियो भी खूब वायरल हुआ, प्रियंका गांधी ने पुलिस को कानून भी सिखाया.

अब सवाल यह उठता है कि क्या योगी सरकार जानबूझकर प्रियंका गांधी को हाइलाइट कर रही है इस पूरे मुद्दे पर, ताकि समाजवादी पार्टी को प्रचार ना मिले? इस बात में कहीं से भी सच्चाई नजर नहीं आती है. क्या योगी आदित्यनाथ की तरफ से और बीजेपी की तरफ से अखिलेश यादव को कहा गया कि आप घटना के तुरंत बाद पीड़ितों से मिलने मत जाइए दूसरे दिन का इंतजार कीजिए? क्या योगी आदित्यनाथ की तरफ से और बीजेपी की तरफ से अखिलेश यादव को कहा गया कि आप दूसरे दिन धरना प्रदर्शन करने के बाद शाम को घर चले जाइए?

मुद्दा बस यही है कि आप सड़कों पर संघर्ष करेंगे तो आपकी आवाज को सुना जाएगा. अखिलेश यादव रात भर इंतजार करते रहे, घर पर आराम करते रहे. दूसरे दिन घर से बाहर निकले और शाम को फिर घर वापस चले गए. इसमें प्रियंका गांधी की क्या गलती है? अखिलेश यादव अगर सत्ता से संघर्ष करते नजर आते सड़कों पर तो मीडिया नहीं कम-से-कम सोशल मीडिया पर तो उन्हें वह तवज्जो मिलती जो प्रियंका गांधी को मिल रही है.

प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) को हिरासत में क्यों रखा गया है?

सवाल सबसे बड़ा यही है कि 30 घंटे से भी अधिक समय बीत जाने के बाद भी प्रियंका गांधी को हाउस अरेस्ट अभी तक क्यों किया गया है? प्रियंका गांधी को पब्लिसिटी मिले इसके लिए? नहीं. प्रियंका गांधी को अभी तक हाउस अरेस्ट करके इसलिए रखा गया है ताकि वह पीड़ित परिवारों से ना मिल सके. क्योंकि प्रियंका गांधी की तरफ से कह दिया गया है कि जब तक वह मिलेंगे नहीं तब तक वह वापस नहीं जाएंगी.

पीड़ित परिवारों से प्रियंका गांधी मिल लेंगी तो उत्तर प्रदेश की सरकार और योगी आदित्यनाथ को क्या परेशानी हो सकती है? दरअसल सबसे बड़ी परेशानी यही है कि योगी सरकार नहीं चाहती है कि प्रियंका गांधी पीड़ित किसानों के परिवारों से मिले. इसके पीछे कारण यही है कि जब सोनभद्र में आदिवासियों का नरसंहार हुआ था उस समय भी प्रियंका गांधी ने सड़कों पर उतर कर पीड़ित परिवारों के लिए ऐसे ही संघर्ष किया था और आखिरी में उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की थी जिसके बाद योगी सरकार को इंसाफ की लड़ाई में प्रियंका गांधी की बात माननी पड़ी थी.

यहां अगर प्रियंका गांधी पीड़ित परिवार से मिल लेती है तो यह मुद्दा बनेगा और योगी सरकार को न्याय करना ही होगा और अगर योगी सरकार न्याय करती है तो फिर बीजेपी के केंद्रीय मंत्री और उनके बेटे को सजा हो सकती है. बीजेपी के केंद्रीय मंत्री और उसके बेटे को बचाने के लिए ही योगी सरकार प्रियंका गांधी को हाउस अरेस्ट किए हुए हैं. ताकि वह पीड़ितों के परिवार से ना मिल सके और इस पूरे घटनाक्रम को और बड़ा मुद्दा ना बनाया जा सके. क्योंकि योगी सरकार मुआवजे का ऐलान करके लीपापोती की कोशिश कर चुकी है.

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