Surya Pratap Singh Thoughtofnation

देश में इस वक्त चारों तरफ हाहाकार है. कहीं महंगाई से लोग परेशान हैं तो कहीं बेरोजगारी से और कहीं पर धर्म के नाम पर दंगों की साजिश रची जा रही है. मोदी सरकार (Modi government) की चारों तरफ आलोचना हो रही है, हर मुद्दे पर मोदी सरकार विपक्ष के सवालों से बचने की कोशिश कर रही है.

जिस महंगाई के दम पर 2014 चुनाव के वक्त “बहुत हुई महंगाई की मार अबकी बार मोदी सरकार” का नारा देकर बीजेपी सरकार में आई थी, उसी महंगाई के मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार मौजूदा वक्त में आलोचनाओं का सामना कर रही है. पेट्रोल और डीजल (petrol and diesel) की कीमतों से पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है और ऐसा भी नहीं है कि केंद्र की मोदी सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम नहीं कर सकती.

क्योंकि चुनाव के वक्त पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा होना बंद हो जाता है. इससे साबित होता है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें हमारे हाथ में नहीं है, यह मोदी सरकार का बेतुका तर्क है. अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कच्चे तेल की कीमतें इतनी भी अधिक नहीं है कि देश की जनता पर उसका बोझ डाला जाए.

दरअसल पिछले दिनों फ्री वैक्सीन का नारा दिया था और चारों तरफ प्रधानमंत्री मोदी के बड़े-बड़े पोस्टर लेकर धन्यवाद दिया गया था बीजेपी की तरफ से और बाद में यह कहा गया भाजपा के कुछ नेताओं के द्वारा कि, पेट्रोल और डीजल की कीमतें जो बढ़ाई गई है उससे जो पैसा आ रहा है उसी से वैक्सीन लगाई जा रही है.

हालांकि प्रधानमंत्री मोदी अपने भाषणों में बार-बार कह रहे हैं कि वैक्सीन फ्री है. लेकिन जनता से भी इसका पैसा अलग से कई जगहों पर लिया जा रहा है. और अगर वैक्सीन फ्री है तो फिर जनता से इसका अलग से पैसा कई जगहों पर क्यों लिया जा रहा है. इसके अलावा पेट्रोल और डीजल की कीमतों का बचाओ वैक्सीन की आड़ में भाजपा के कुछ नेताओं द्वारा क्यों किया जा रहा है?

लगातार बढ़ रही पेट्रोल और डीजल की कीमतें जनता की कमर तोड़ रही हैं महंगाई अथाह बढ़ रही है. इसी को लेकर रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह (Surya Pratap Singh) ने एक ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है कि, अरे भक्तों! तुम पर शर्म होगी स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी को, वो भी स्वर्ग से सोचते होंगे कैसी नपुंसकों की फौज भर्ती हो गयी जो 120 रु लीटर पेट्रोल के पक्ष में भी तर्क देती है. अपनी नहीं तो कम से कम महापुरुषों के आदर्शों की तो लाज रख लो, ऐसी बेगैरत ज़िन्दगी जी कर क्या करोगे?

आपको बता दें कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों का असर दूसरी वस्तुओं पर भी पड़ता है, जिससे चारों तरफ महंगाई लगातार बढ़ रही है. लेकिन मीडिया भी इन तमाम मुद्दों पर सरकार से सवाल करने की जगह गैर जरूरी मुद्दों को हवा देकर सरकार को सवालों से बचाने का काम कर रही है. दूसरी तरफ बीजेपी के संगठन जरूरी मुद्दों पर जनता की आवाज सुनाई ना दे, इस कारण कई जगहों पर अराजकता फैलाते हुए दिखाई दे रहे हैं. त्रिपुरा इसका जीता जागता उदाहरण है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here