उत्तर प्रदेश सरकार पिछले कुछ समय से लगातार चर्चा में बनी हुई है. इसके साथ-साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी चर्चा के केंद्र में है, चाहे वह महामारी को लेकर हो या फिर चाहे आलोचना करने वालों पर एफआईआर कराने को लेकर हो या फिर चाहे झूठी बयानबाजी को लेकर, लगातार चर्चा के केंद्र में बने हुए हैं.
उत्तर प्रदेश की सरकार (Government of Uttar Pradesh) और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) यह मानने के लिए तैयार ही नहीं है कि उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई हुई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यह मानने के लिए तैयार ही नहीं है कि उत्तर प्रदेश की जनता महामारी के दौर में भयानक परेशानियों का सामना कर रही है.
महामारी के दौर से ही नहीं उससे पहले से ही उत्तर प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल करने वालों पर उत्तर प्रदेश की सरकार सख्त एक्शन लेती आई है. पीड़ित के ऊपर भी उत्तर प्रदेश प्रशासन ने पिछले दिनों अत्याचार किया था, चाहे वह उन्नाव का मामला हो या फिर हाथरस का मामला हो.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दौरे तो लगातार कर रहे हैं लेकिन रिजल्ट नहीं मिल रहा है. इसी को लेकर सूर्य प्रताप सिंह (Surya Pratap Singh) ने एक ट्वीट किया है. सूर्य प्रताप सिंह ने लिखा है कि, यही है मुख्यमंत्री के पतन का कारण दौरा जरूर करना है, पर सच्चाई नहीं देखनी. झाँसी में बिना इलाज ना जाने कितनी जिंदगियाँ चली गयी, पर ये महोदय लखनऊ से झाँसी अपने अधिकारियों की नाकामी का ढोल पीटने गए थे. अब तो जनता हताश हो गयी है, जानती है बोलने का मतलब नहीं.
यही है मुख्यमंत्री @myogiadityanath के पतन का कारण।
दौरा जरूर करना है, पर सच्चाई नहीं देखनी।
झाँसी में बिना इलाज ना जाने कितनी जिंदगियाँ चली गयी, पर ये महोदय लखनऊ से झाँसी अपने अधिकारियों की नाकामी का ढोल पीटने गए थे।
अब तो जनता हताश हो गयी है, जानती है बोलने का मतलब नहीं। 😀 pic.twitter.com/cX2aHHFCCJ
— Surya Pratap Singh IAS Rtd. (@suryapsingh_IAS) May 24, 2021