इस समय पूरे देश में मोदी सरकार द्वारा लाई गई स्कीम “अग्नीपथ” के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं. कई जगह पर हिंसा की भी खबरें आ रही हैं. हर बार की तरह इस बार भी मोदी सरकार और उससे जुड़े हुए तमाम मंत्रियों और नेताओं का कहना है कि विपक्ष युवाओं को भड़का रहा है और युवाओं को यह स्कीम समझ में नहीं आ रही है. मोदी सरकार और उसके नेताओं का कहना है कि मोदी सरकार द्वारा लाई गई यह इस कीमत मास्टर स्ट्रोक है. इससे युवाओं को फायदा होगा.
मोदी सरकार से जुड़े हुए लोग इस स्कीम के ऐसे फायदे बता रहे हैं जैसे कोई प्रोडक्ट बेच रहे हो. 4 साल बाद कितनी सेविंग होगी युवाओं के पास और तमाम तरह की चीजें बीजेपी के नेता और मोदी सरकार द्वारा बताइए जा रही है. जबकि युवाओं का कहना है कि परमानेंट नौकरी सभी को क्यों नहीं? सेना मे इतने दिन से भर्ती जो रुकी हुई थी वह क्यों नहीं हुई? कुल मिलाकर देखा जाए तो युवा मोदी सरकार द्वारा लाई गई स्कीम के पक्ष में नहीं है.
मीडिया और उससे जुड़े हुए लोग भी मोदी सरकार की तरफ से बैटिंग करते हुए इस स्कीम के फायदे बता रहे हैं और युवाओं को समझाने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन एक बार भी मोदी सरकार से सवाल नहीं कर रहे हैं. कुल मिलाकर देखा जाए तो पिछले 8 साल में जिस तरीके से मोदी सरकार ने बिना किसी से पूछे बिना कोई समिति बनाएं योजनाएं लागू की है, इस बार भी उन्होंने ऐसा ही किया है और इस बार युवा उग्र हो चुके हैं.
इसी को लेकर वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष (Ashutosh) ने कटाक्ष किया है. उन्होंने लिखा है कि, इस बात को समझिये – कुछ अपने बच्चे होते हैं और कुछ पत्थरबाज़? कुछ जगह बुलडोज़र चलता है और कुछ को समझाया जाता है.
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले जिस तरीके से पैगंबर मोहम्मद पर बीजेपी की प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा टिप्पणी की गई थी और विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर लाठीचार्ज किया गया था और बाद में जो हिंसा मे सन लिप्त पाए गए थे, उनके ऊपर बुलडोजर चलाया गया था, उसको लेकर भी सवाल हो रहा है कि क्या जो युवा ट्रेन में और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं, क्या उनके खिलाफ भी कोई बड़ी कार्रवाई होगी और बुलडोजर उनके घरों पर भी चलाया जाएगा?