पांच राज्यों में मिली हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) पिछले कुछ दिनों से जबरदस्त सक्रिय हुई है. उन्होंने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ 3 दिनों में दो बार बैठक की है. तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी की पूर्व सहयोगी महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) से भी मुलाकात की है.
धारा 370 के हटने के बाद पहली बार वहां विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. ऐसे में महबूबा मुफ्ती द्वारा सोनिया गांधी से मिलना बड़ा संकेत दे रहा है. इससे पहले जम्मू कश्मीर में महबूबा मुफ्ती बीजेपी के साथ मिलकर सरकार चला चुकी हैं. इसलिए बीजेपी अब महबूबा मुफ्ती की आड़ लेकर कांग्रेस की छवि जनता के बीच खराब भी नहीं कर सकती. क्योंकि इसका काउंटर करने के लिए कांग्रेस के पास मुद्दा है.
सोनिया गांधी लगातार अहम बैठके कर रही हैं. सोमवार को भी सोनिया गांधी के आवास पर 6 घंटे तक बैठक चली. इसमें 2023 के राज्यों के चुनाव के साथ ही 2024 के लोकसभा चुनाव की रणनीति को लेकर बातचीत हुई है. इस बैठक में कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी के अलावा वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक, केसी वेणुगोपाल और अंबिका सोनी सरीखे नेता मौजूद थे.
सोनिया गांधी ने पीडीपी प्रमुख और बीजेपी के सहयोग से जम्मू कश्मीर में सरकार चला चुकी महबूबा मुफ्ती से भी मुलाकात की है. जम्मू कश्मीर में जल्द विधानसभा के चुनाव हो सकते हैं और ऐसे में यह मुलाकात बहुत ज्यादा अहम है.
यह साफ दिखाई दे रहा है कि कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी लगातार मिल रही हार के बाद 2023 में जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव है उन्हें लेकर बेहद गंभीर हैं और जबरदस्त सक्रिय हुई हैं. सोनिया गांधी जानती हैं कि इन राज्यों में मिली जीत या हार ही 2024 के लिए और उससे आगे कांग्रेस का सियासी भविष्य तय करेंगी.
कांग्रेस को ममता बनर्जी, जगमोहन रेड्डी और के. चंद्रशेखर राव से भी चुनौती मिल रही है और 2023 में जिन राज्यों में चुनाव है अगर वहां कांग्रेस का प्रदर्शन ठीक नहीं रहता है तो वह बीजेपी के खिलाफ बनने वाले मजबूत फ्रंट की अगुवाई करने का मौका चूक सकती है. लेकिन अगर वह बेहतर प्रदर्शन करने में कामयाब रही तो विपक्ष के एक मजबूत फ्रंट की अगुवाई करके चुनौती दे सकती है.