नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े कथित money-laundering मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से मंगलवार को 6 घंटे तक पूछताछ की. इससे पहले गुरुवार को भी कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष से प्रवर्तन निदेशालय ने पूछताछ की थी. उससे पहले कई दौर की पूछताछ और कई घंटों की पूछताछ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से इसी मामले में हो चुकी है.
सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को ED के दफ्तर में तीसरे दौर की पूछताछ के लिए कल यानी बुधवार को फिर से तलब किया गया है. सोनिया गांधी से दो दौर की पूछताछ हो चुकी है और यह पूछताछ लंबी चली है. यहां सवाल यह उठता है कि आखिर और कितने सवाल बचे हैं, जिसको पूछा जाना बाकी है? 2 दिन की पूछताछ में ऐसा है क्या बच गया है कि तीसरे दौर की पूछताछ के लिए बुलाया गया है?
सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) की उम्र 75 पर हो चली है, बीमार हैं, शारीरिक रूप से कमजोर हैं. लेकिन कहीं भी उनके चेहरे पर किसी भी तरह का इस पूछताछ को लेकर तनाव नहीं दिखाई दे रहा है. किसी प्रकार का उनके चेहरे पर डर नहीं दिखाई दे रहा है. कांग्रेस के नेता आरोप लगाते हैं कि मौजूदा सरकार गांधी परिवार को झुकाना चाहती है. लेकिन सोनिया गांधी को देखकर और राहुल गांधी के इरादों को देखकर कहीं से भी ऐसा प्रतीत नहीं होता कि गांधी परिवार झुकने के लिए या फिर डरने के लिए या फिर एजेंसियों के दबाव में आने के लिए तैयार हो.
पहले राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और अब सोनिया गांधी से लगातार पूछताछ हो रही है. मीडिया के माध्यम से माहौल बनाया जा रहा है. लेकिन गांधी परिवार का हौसला टूट जाए ऐसा दिखाई नहीं दे रहा है. डर सोनिया गांधी की आंखों में किसी प्रकार का दिखाई नहीं दे रहा है. तो क्या जैसा आरोप कांग्रेस के नेता मौजूदा सरकार पर लगाते हैं, उस हिसाब से जुल्म और तेज किया जाएगा?
सोनिया गांधी से जो पूछताछ हो रही है इसके खिलाफ कांग्रेस के नेता सड़कों पर उतरे हुए हैं. सरकार के खिलाफ कांग्रेसी कार्यकर्ता सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. आज एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ है, जिसमें ऐसा दिखाई दे रहा है कि दिल्ली पुलिस का एक जवान यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी के सर के बाल पकड़ कर खींच रहा है. इसी तरह एक और वीडियो वायरल हो रहा है सोशल मीडिया पर जिसमें दिखाई दे रहा है कि यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता को पुलिस गंदी गंदी गालियां दे रही है और डंडे मार रही है. उस कार्यकर्ता ने प्रवर्तन निदेशालय कि ऑफिस के बोर्ड पर कालिख पोत दी थी.
गांधी परिवार की आंखों में किसी भी प्रकार का भय दिखाई नहीं दे रहा है और वह झुकने के लिए तैयार नहीं है और गांधी परिवार के इरादों को देखकर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में जोश दोगुना दिखाई दे रहा है. कांग्रेस के कार्यकर्ता भी इस सरकार के जुल्म के आगे झुकने के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं. तो क्या यह मान कर चला जाए कि आने वाले दिनों में गांधी परिवार पर और अधिक शिकंजा कसने की कोशिश की जाएगी, कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के इरादों को तोड़ने की कोशिश की जाएगी?
जिस यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का बाल पकड़कर खींचा गया, कुछ समय पहले महामारी के दौर में वह 1 तरीके से देवदूत की तरह काम करते हुए दिखाई दे रहे थे, लोगों की मदद करते हुए दिखाई दे रहे थे. जिनको ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत थी उनके लिए वह हर जगह उपलब्ध करा रहे थे. जिस इंजेक्शन की जरूरत पड़ती थी वह भी यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष और कार्यकर्ता उपलब्ध करा रहे थे. विदेशी दूतावासों से लेकर साधारण नागरिक, सत्ता पक्ष के नेता, पत्रकारों और पुलिस तक ने उनसे ऑक्सीजन, इंजेक्शन, बेड जो भी मांगा उन्होंने किया.उसका बदला! आज पुलिस बाल पकड़कर उन्हें खींच रही थी.
सवाल यही है कि तमाम विपक्षी पार्टियों के बड़े नेता जिनकी आवाज पर उन पार्टियों के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर कर विरोध करते थे. वह डरे हुए दिखाई दे रहे हैं. तमाम विपक्षी पार्टियां आज मौजूदा सत्ता और एजेंसियों के सामने झुकी हुई दिखाई देती हैं. लेकिन कांग्रेस आज हर मुद्दे पर इस सरकार के खिलाफ डटकर मुकाबला करते हुए दिखाई देती है. कांग्रेस का कोई नेता भले बिक जाए या विचारधारा बदलकर बीजेपी ज्वाइन कर ले, लेकिन गांधी परिवार झुक जाए, डर जाए ऐसा होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है और यही कांग्रेस की सबसे बड़ी ताकत है. तो क्या इसे तोड़ने के लिए आने वाले दिनों में जुल्म और बढ़ेगा?