सुशांत सिन्हा (Sushant Sinha) ऐसे एंकर हैं जो अपने कार्यक्रमों के माध्यम से कभी भी प्रधानमंत्री मोदी या फिर गृह मंत्री अमित शाह से सीधे सवाल करते हुए नजर नहीं आते हैं. रोजगार के मुद्दे पर, महंगाई के मुद्दे पर, महिला सुरक्षा के मुद्दे पर वह बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को कभी भी कटघरे में खड़ा करते हुए दिखाई नहीं देते हैं.
सुशांत सिन्हा (Sushant Sinha) अपने कार्यक्रमों के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार की नीतियों का बखान करते हुए नजर आते हैं तथा हर वक्त वह बीजेपी की जगह विपक्ष से सवाल करते हुए नजर आते हैं. विपक्ष की राज्य सरकारों के खिलाफ एजेंडा चलाते हुए कई बार सुशांत सिन्हा पकड़े गए हैं और इसके लिए वह अक्सर सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ जाते हैं.
इस बार भी बेरोजगारी, महंगाई के मुद्दे की जगह सुशांत सिन्हा (Sushant Sinha) ने प्रशांत किशोर को लेकर एक ट्वीट किया, जिसके बाद वह जबरदस्त तरीके से सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रहे है. सुशांत सिन्हा ने अपने ट्वीट में लिखा कि, प्रशांत किशोर कह रहे हैं कि वो अब लोगों के बीच जाएंगे और लोगों के मुद्दों को समझेंगे. यानि वो कांग्रेस को नरेन्द्र मोदी को हराने का प्लान बेच रहे थे बिन जाने की लोगों के मुद्दे क्या हैं और लोग चाहते क्या हैं. बच गई कांग्रेस तो.
प्रशांत किशोर कह रहे हैं कि वो अब लोगों के बीच जाएंगे और लोगों के मुद्दों को समझेंगे। यानि वो कांग्रेस को नरेन्द्र मोदी को हराने का प्लान बेच रहे थे बिन जाने की लोगों के मुद्दे क्या हैं और लोग चाहते क्या हैं। बच गई कांग्रेस तो। pic.twitter.com/aM1wHBGx9U
— Sushant Sinha (@SushantBSinha) May 2, 2022
सुशांत सिन्हा के ट्वीट पर जवाब देते हुए, शीश राम गुर्जर नामक ट्विटर हैंडल से लिखा गया कि, सुशांत. तू भी तो बंगाल गया था जनता के बीच जनता के मूड क़ो जानने ओर बीजेपी क़ो दो तिहाई बहुमत दे रहा था. फिर क्या हुआ? तू भी तो पत्रकार है, तू भी चला जा जनता के बीच.. य़ा द’लाली में स्क्रिप्ट ही पढ़ेगा.
शादाब नामक ट्विटर हैंडल से लिखा गया कि, अरे मासूम सुशांत तुम भाजपा वाले हो क्या? या पत्रकार हो ,कभी तो उन युवाओं के लिए आवाज़ उठाओ जो कभी तो बेरोज़गारी के मुद्दे पर सरकार से सवाल करो. बेचारे बहुत निराश हैं ,तुमको पता होगा लेकिन फिर भी सरकार से सवाल करने की हिम्मत नहीं तुम्हे. क्यूंकि फिर अवॉर्ड जो नहीं मिलेगा तुम्हे.
एक यूजर ने सुशांत का जवाब देते हुए लिखा कि, भारत में सबसे बड़ा धंधा “धर्म” का है. दूसरा “राजनीति” का है और तीसरा “मीडिया की दलाली” का. दुख की बात यह तीनों ही “टैक्स फ्री” हैं.