मीडिया का एक बड़ा वर्ग लंबे समय से सत्ता के चरणो में नतमस्तक नजर आता है और यही वर्ग गांधी परिवार के खिलाफ दुष्प्रचार करने के लिए भी जाना जाता है. यह सब कुछ होता है सत्ता के इशारों पर. क्योंकि यह मीडिया का वर्ग सत्ता से सवाल ना करके विपक्ष को गलत तरीके से जनता के सामने प्रस्तुत करता है. ताकि जनता के मन में विपक्ष खासतौर पर कांग्रेस के प्रति गलत धारणा पैदा हो.
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस की सीडब्ल्यूसी की बैठक हुई. इस बैठक में तमाम मुद्दों पर चर्चा हुई. मीडिया के 1 वर्ग ने इस बैठक से पहले यह अफवाह फैलाई कि गांधी परिवार के सदस्य इस्तीफा दे सकते हैं. गांधी परिवार पर मीडिया द्वारा दबाव बनाने की कोशिश हुई. हालांकि कांग्रेस द्वारा मीडिया की तरफ से फैलाई गई अफवाहों का खंडन भी किया गया.
सीडब्ल्यूसी की बैठक पर सत्ता समर्थित पत्रकार और एंकर सुशांत सिन्हा (Sushant Sinha) ने एक ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि, चार घंटे की मैराथन बैठक के बाद CWC की बैठक में तय हुआ कि कमान सोनिया गांधी के पास ही रहेगी और राहुल गाँधी और ज़िम्मेदारी लेंगे. मतलब एक बार के लिए सूरज पश्चिम से निकल सकता है लेकिन कांग्रेस में कुछ नहीं बदल सकता. गजबे है कि पराकाष्ठा पर है यह पार्टी भई.
सुशांत सिन्हा के ट्वीट पर यूजर्स ने जमकर उन्हें ट्रोल किया. ईमानदार करदाता नामक ट्विटर यूजर ने लिखा कि, कभी देश पर भी बात कर ले बीजेपी का जूठन खाने वाला पत्तालकर. क्यों देश में 85 करोड़ के पास खाने को दाना तक नही है, क्यों 3 करोड़ मध्यम वर्ग खिसक कर निम्न वर्ग में आ आ गए, 85% लोगो की आमदनी घटी है, देश का वित्तीय घाटा कहां है, शिक्षा की हालत बदतर हो चुकी।इस पर बात क्यों नहीं करता तू.
राजेंद्र पांडेय नामक ट्विटर यूजर में सुशांत सिन्हा को जवाब देते हुए लिखा कि, आपको परेशानी क्या है? कांग्रेस अपना नेता किसे माने यह उसका आंतरिक मामला है. झूठ फरेब जुमला मे जीने वालों का अस्तित्व क्षणिक होता है. हार जीत चुनाव की एक प्रक्रिया है. अपना कमेट और सुझाव अपने पास रखे. बेहतर होगा.
डॉ अनिल बाजपेई नामक यूजर ने लिखा कि, आपकी समस्या वास्तविक है. बीजेपी के लोग कांग्रेस को जलील करने की कोई जगह कोई मौका कोई प्लेटफार्म नहीं छोड़ते. इस देश में कांग्रेस को क्या करना चाहिए ये बताने लिए सारे प्रवक्ता सारे बीजेपी वाले पत्रकार हैं न. पर कांग्रेस सुनती ही नहीं है.
राजेंद्र कुमार नामक टि्वटर यूज़र ने सुशांत सिन्हा को जवाब देते हुए लिखा कि, अचरज की बात ये है की नेशनल मीडिया का ये पत्रकार खुलेआम दला’ली करता है, सिर्फ टी वी के जरिये ही नहीं, सोशल प्लेटफॉर्म पर भी कुतर्क करता है.. कांग्रेस को गाइड कर रहा है?..गजबे ही है.
आपको बता दें कि कांग्रेस को किस तरह चुनाव लड़ना चाहिए, कैसी नीतियां बनानी चाहिए, कौन अध्यक्ष होना चाहिए, यह तय करने की कोशिश बीजेपी समर्थित मीडिया और पत्रकार करते हैं. लेकिन वह यह नहीं बताते कि आखिर बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा के सामने बीजेपी की तरफ से अध्यक्ष पद के लिए चुनाव किसने लड़ा था? अमित शाह जिस वक्त अध्यक्ष बने थे उनके सामने कौन प्रतिद्वंदी था बीजेपी की तरफ से? इन सब बातों पर सवाल नहीं उठाते.