तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है. किसानों की तरफ से सरकार पर दबाव बनाने के लिए चुनावी राज्यों में भी महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है. इससे कहीं न कहीं भाजपा को चुनावी झटका भी नजर आ रहा है. वोटो पर इसका असर कहीं न कहीं जरूर पड़ेगा.
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के सहयोगी बलवीर सिंह राजेवाल ने बंगाल में किसानों को संबोधित करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री हमें तो भूल गए लेकिन उन्हें 300 शहीदों को नहीं भूलना चाहिए. सिंगुर में एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने किसानों से अपील किया कि वोट देते समय वो इस बात को याद रखें कि इस आंदोलन में 300 से अधिक किसान अपनी जान दे चुके हैं.
उन्होंने मतदाताओं से अपील करते हुए कहा कि आप बीजेपी नेताओं से सवाल करें कि सरकार ने 22 जनवरी के बाद से किसान नेताओं से बात क्यों नहीं की है? इससे पहले उन्होंने प्रधानमंत्री पर हमला करते हुए कहा कि हमें पाकिस्तान से खतरा नहीं, हमें किसी से खतरा नहीं, खतरा है इस देश को तो मोदी से खतरा है.
राजेवाल ने कहा था कि आज हमें महसूस हुआ कि यह सरकार सिर्फ वोट की नीति जानती है. इसको वोट की चोट देनी होगी. आपके हाथ में बहुत बड़ा हथियार है और मोदी को वोट नहीं मिलना चाहिए. जिसको चाहो वोट दो जो विनिंग कैंडिडेट है उसको वोट दे दो लेकिन मोदी को वोट न दो.
राकेश टिकैत भी चुनावी राज्यों के दौरे पर हैं. उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि मैं किसी के पक्ष में नहीं हूं बल्कि सरकार के विरोध में हूं. बातचीत में उन्होंने ममता बनर्जी महारानी लक्ष्मीबाई बताया था. तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार जारी है. पिछले 100 से अधिक दिनों से किसान दिल्ली बॉर्डर पर बैठे हुए हैं.