अफगानिस्तान में अफगानिस्तान की पो”… र्न स्टार यासमीना अली ने तालिबान राज को लेकर कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं. तालिबान के पहले शासनकाल के दौरान कुछ सालों की रही यासमीना अली ने खुलासा किया है कि कैसे तालिबान खुद को उसके शरीर का मालिक समझते थे.
एक समय तालिबान से खौफजदा रहने वाली यासमीना अली के तालिबान पर खुलासे रोंगटे खड़े करने वाले हैं. प्रसिद्धि स्टार के तौर पर मशहूर यासमीना अली ने ब्रिटिश अखबार डेली स्टार से बात की है और तालिबान राज से लेकर अपनी जिंदगी के बारे में कई बड़े खुलासे किए हैं.
यासमीना अली ने अपनी नजरों के सामने तालिबान के लोगों को पुरुषों और महिलाओं पर भीषण जुल्म करते हुए देखा है. जब यासमीना छोटी थी तो उनके पास कोई ऑप्शन नहीं था और उन्होंने तालिबान राज में खुद को बचाते हुए जिंदगी की जद्दोजहद जारी रखी और फिर वह बाद में किसी तरह अफगानिस्तान से निकलने में कामयाब रही.
यासमीना अली अपनी पढ़ाई के लिए ब्रिटेन चली गई और दूसरी तरफ अफगानिस्तान में फिर से तालिबान का राज स्थापित हो गया. लेकिन वक्त के थपेड़ों ने यासमीना को एक मजबूत और सशक्त महिला बना दिया.
यासमीना अली ने बताया कि उन्होंने मुस्लिम धर्म को भी त्याग दिया है. यासमीना अली का कहना है कि तालिबान को उसके बारे में सब कुछ पता है और तालिबानियों को उनकी वेबसाइट से सारी जानकारियां मिलती रहती हैं. यासमीना अली ने बताया कि तालिबान मुझसे नफरत करते हैं.
महिलाओं के शोषण को लेकर तालिबान
डेली स्टार से बात करते हुए यासमीना अली ने बताया कि अफगानिस्तान में उनका जीवन कितना विपरीत और तकलीफ हो और तालिबान के जुल्म से भरा हुआ था. यासमीना की तरफ से बताया गया कि जब वह छोटी थी तो अक्सर उसकी मां बताती रहती थी कि, तालिबान के लिए बला” त्का’र जैसी कोई चीज नहीं थी. यासमीना ने कहा था कि मैंने उन्हें देखा है और मुझे काबुल में परेड याद है.
यासमीना की तरफ से बताया गया कि मेरे अंदर वह फिलिंग्स अभी भी जिंदा है और मैं उन एहसासों को नहीं भूली हूं. उन्होंने कहा कि आप अपने आस-पास इस हिंसा को देखते हैं तो काफी निराश होते हैं. उन्होंने कहा था कि सिर्फ महिलाओं से ही नहीं बल्कि तालिबान के लोग मुस्लिम बड़ों को भी बुरी तरह पीटते थे.
यासमीन ने बताया कि असल में तालिबान के लोग महिलाओं को शिक्षित करने से डरते हैं और उन्हें पढ़ी-लिखी महिलाओं से डर लगता है. उन्होंने कहा कि सभी नियम केवल पुरुषों के फायदे और आनंद के लिए हैं और माह’वारी के दिनों में आप को अपवित्र और गंदा माना जाता है. उन्होंने कहा कि महिलाओं के बिना कोई मानव जाति नहीं होगी लेकिन तालिबान को महिलाओं से काफी ज्यादा परेशानियां हैं.