केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने शुक्रवार को भोपाल दौरे पर संकेत दिया कि देश में जल्दी कॉमन सिविल कोड (Common civil code) लागू हो सकता है. पार्टी कार्यालय में उन्होंने कमेटी के साथ मीटिंग की, मीटिंग में अमित शाह ने कहा कि, CAA, राम मंदिर अनुच्छेद 370 और ट्रिपल तलाक जैसे मुद्दों के फैसले हो गए हैं अब कॉमन सिविल कोड की बारी है.
गृह मंत्री अमित शाह ने यह भी बताया कि उत्तराखंड में कॉमन सिविल कोड पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू किया जा रहा है. ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है. जो भी बचा है सब ठीक कर देंगे. आप लोग कोई भी ऐसा काम मत करना जिससे पार्टी को नुकसान पहुंचे.
कांग्रेस और नीचे जाएगी
गृह मंत्री अमित शाह ने बीजेपी के सीनियर नेताओं से पूछा कि क्या देश में सब ठीक हो गया? इसके बाद उन्होंने कॉमन सिविल कोड के मुद्दे पर चर्चा की. अमित शाह ने यह भी खुलासा किया कि अगले चुनाव से पहले राहुल गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष हो जाएंगे, लेकिन इससे चिंता करने की जरूरत नहीं है. अभी कांग्रेस और नीचे जाएगी. कोई चुनौती नहीं है.
कॉमन सिविल कोड क्या है?
कॉमन सिविल कोड लागू होने से देश में शादी, तलाक उत्तराधिकार, गोद लेने जैसे सामाजिक मुद्दे एक समान कानून के अंतर्गत आ जाएंगे. इसमें धर्म के आधार पर कोई कोर्ट या अलग व्यवस्था नहीं होगी. संविधान का अनुच्छेद 44 इसे बनाने की शक्ति देता है. इसे केवल केंद्र सरकार संसद के जरिए ही लागू कर सकती है.
आजादी से पहले हिंदुओं और मुसलमानों के लिए अलग-अलग कानून लागू किए गए थे. सबसे पहले महिलाएं इसके खिलाफ खड़ी हुई, फिर बीजेपी ने इसे अपने तीन मुख्य मुद्दों में शामिल किया. 2014 के लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र में भी बीजेपी ने इस मुद्दे को शामिल किया था.