देशभर में अग्निपथ स्कीम (Agneepath Scheme) का विरोध हो रहा है. युवा लगातार सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं और मोदी सरकार से इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं. कुल मिलाकर सरकार के नए भर्ती फार्मूले से बवाल मचा हुआ है. सरकार कह रही है कि इससे युवाओं में देश को लेकर प्रेम बढ़ेगा. अग्निपथ की स्कीम को सरकार ने गेम चेंजर बताया है. इससे सेना भविष्य की चुनौतियों से बेहतर ढंग से निपट पाएगी, ऐसे तर्क दिए जा रहे हैं.
सरकार का कहना है कि इस योजना के तहत हर साल करीब 40 से 45 हजार युवाओं को सेना में शामिल किया जाएगा. यह अग्निवीर कहलाएंगे. केंद्र सरकार की सबसे अधिक आलोचना पिछले 8 साल में रोजगार के मुद्दे पर हुई है. इसी से निपटने के लिए सरकार यह योजना लेकर आई है. लेकिन परमानेंट नौकरी को लेकर लगातार इस योजना का विरोध युवा कर रहे हैं.
इसी को लेकर मोदी सरकार अपने खुद के नेता के निशाने पर आ गई है. बीजेपी के सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) ने सरकार पर करारा हमला बोला है और जनप्रतिनिधियों को आईना भी दिखाया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, अल्पावधि की सेवा करने वाले अग्निवीर पेंशन के हकदार नही हैं तो जनप्रतिनिधियों को यह ‘सहूलियत’ क्यूँ? राष्ट्ररक्षकों को पेन्शन का अधिकार नही है तो मैं भी खुद की पेन्शन छोड़ने को तैयार हूँ. क्या हम विधायक/सांसद अपनी पेन्शन छोड़ यह नही सुनिश्चित कर सकते कि अग्निवीरों को पेंशन मिले?
अल्पावधि की सेवा करने वाले अग्निवीर पेंशन के हकदार नही हैं तो जनप्रतिनिधियों को यह ‘सहूलियत’ क्यूँ?
राष्ट्ररक्षकों को पेन्शन का अधिकार नही है तो मैं भी खुद की पेन्शन छोड़ने को तैयार हूँ।
क्या हम विधायक/सांसद अपनी पेन्शन छोड़ यह नही सुनिश्चित कर सकते कि अग्निवीरों को पेंशन मिले?
— Varun Gandhi (@varungandhi80) June 24, 2022
आपको बता दें कि वरुण गांधी लंबे वक्त से मोदी सरकार की गलत नीतियों की आलोचना खुलकर करते आ रहे हैं. इससे पहले वह किसान आंदोलन के वक्त भी किसानों की मांगों को लेकर लगातार अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए सवाल कर रहे थे. अब वह युवाओं के हर मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने में लगे हुए हैं. देखना होगा कि वरुण गांधी द्वारा की गई पहल पर कितने बीजेपी के नेता उनकी बात का समर्थन करते हुए पेंशन और बाकि सुविधाएं छोड़ने की बात करते हैं.