नेशनल हेराल्ड मामले में राहुल गांधी से ईडी द्वारा लगातार आज तीसरे दिन पूछताछ होगी. 2 दिनों तक घंटों राहुल गांधी से ईडी के अधिकारियों ने सवाल जवाब किए हैं और आज तीसरे दिन भी राहुल गांधी को पूछताछ के लिए बुलाया गया है. कई लोग सवाल कर रहे हैं कि आखिर ऐसी कौन सी बात है कि लगातार तीसरे दिन राहुल गांधी को पूछताछ के लिए बुलाया गया है.
इधर राहुल गांधी से हो रहे सवाल-जवाब और लगातार हो रही पेशी पर कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच आक्रोश है. कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता लगातार सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, ईडी के अधिकारियों का विरोध कर रहे हैं. कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता लगातार गिरफ्तार हो रहे हैं.
ईडी द्वारा राहुल गांधी से की जा रही पूछताछ से एक बात साफ है कि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी के नाम पर एकजुट होने लगे हैं. जो नेता राहुल का अंदरूनी तौर पर विरोध भी करते थे कुछ मुद्दों पर, वह भी अब एकजुट होने लगे हैं. देखा जाए तो कांग्रेस इस पूरे मुद्दे पर एकजुट दिखाई दी है. कांग्रेस के अंदर पिछले कुछ सालों से एकजुटता की कमी दिखाई दे रही थी. वह इस पूरे मुद्दे पर दूर होती हुई दिखाई दे रही है.
इसी को लेकर वरिष्ठ पत्रकार दीपक शर्मा (Deepak Sharma) ने एक ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है कि, जो नेता संसद से सड़क तक अडानी और अम्बानी का खुलेआम विरोध करता आ रहा हो, वो कुछ भी हो पर बेईमान नहीं हो सकता है. ED की कारवाई अंततः कांग्रेस को एकजुट कर देगी.
जो नेता संसद से सड़क तक अडानी और अम्बानी का खुलेआम विरोध करता आ रहा हो, वो कुछ भी हो पर बेईमान नहीं हो सकता है।
ED की कारवाई अंततः कांग्रेस को एकजुट कर देगी।
— Deepak Sharma (@DeepakSEditor) June 14, 2022
आपको बता दें कि राहुल गांधी विपक्ष के इकलौते नेता है जो खुलकर संसद से लेकर सड़क तक और चुनावी रैलियों तक मोदी सरकार और अडानी तथा अंबानी की सांठगांठ का विरोध करते रहे हैं. मोदी सरकार में अडानी की संपत्ति में लगातार इजाफा होता रहा है और राहुल गांधी इस मुद्दे पर मुखर होगा जनता के बीच अडानी का नाम लेकर उनका विरोध करते रहे हैं.
आपको बता दें कि सिर्फ दीपक शर्मा ही नहीं कई वरिष्ठ पत्रकार इस मुद्दे पर खुलकर राहुल गांधी का पक्ष लेते हुए दिखाई दे रहे हैं. पत्रकारों के साथ साथ कई बुद्धिजीवियों का भी कहना है कि यह जानबूझकर गांधी परिवार को परेशान करने की कोशिश राजनीतिक तौर पर की जा रही है. कई लोगों का कहना है कि मोदी सरकार इस समय कई मोर्चे पर असफल नजर आ रही है और उसी से ध्यान भटकाने के लिए जनता के बीच गांधी परिवार की छवि को फिर से खराब करने के लिए यह सब कुछ किया जा रहा है.