Yogi Adityanath Amish devgan

उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में अब ज्यादा वक्त नहीं रह गया है. ऐसे में सभी पार्टियां अपनी-अपनी तैयारियों में लगी हुई हैं. जहां एक तरफ भाजपा अपने बीते पांच सालों के कामों को गिनाने में लगी हुई है तो वहीं दूसरी ओर विपक्षी दल राज्य की कानून व्यवस्था और सरकार की खामियों को लेकर उनपर तंज कसते हुए दिखाई दे रहे हैं.

इसी बीच सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) का एक इंटरव्यू भी लोगों का खूब ध्यान खींच रहा है, जिसमें न्यूज एंकर अमिश देवगन (Amish Devgan) उनसे सवाल-जवाब करते हुए दिखाई दिए. इंटरव्यू के बीच अमिश देवगन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सवाल किया कि एक फैक्टर चल रहा है कि ब्राह्मण, मुस्लिम, यादव एक साथ आ जाएंगे. मुस्लिम, ब्राह्मण और दलित एक साथ आ जाएंगे तो भाजपा का खेल बिगड़ जाएगा.

उनकी बात का जवाब देते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, देखिए भारतीय जनता पार्टी सबका साथ और सबका विकास के साथ काम कर रही है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने अमिश देवगन की बात का जवाब देते हुए आगे कहा था, प्रधानमंत्री मोदी जी ने 2013 में यह मंत्र दिया था और साल 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद अक्षर स को व्यावहारिक धरातल पर उतारा भी है. हम आज भी इस बात को कहते हैं कि न जाति, न पंथ, न मत, न संप्रदाय, न छोटा, न बड़ा, सबका साथ और सबका विकास.

अमिश देवगन ने सीएम योगी आदित्यनाथ से सवाल किया, 2022 का चुनाव है और ब्राह्मणों को लेकर काफी कुछ किया जा रहा है. कई पार्टियां तो ब्राह्मण सम्मेलन भी कर रही है. आपकी सरकार ब्राह्मणों को लेकर क्या सोचती है, क्योंकि विपक्ष का आरोप है कि ब्राह्मणों पर अत्याचार हो रहा है?

अमिश देवगन के सवाल का जवाब देते हुए सीएम योगी ने कहा, लखीमपुर खीरी में दो ब्राह्मण युवक मारे गए थे, लेकिन वे लोग वहां पर क्यों नहीं गए. अखिलेश यादव लखीमपुर खीरी गए थे, लेकिन पीड़ित ब्राह्मणों के यहां नहीं गए थे. कौन नहीं देखता कि कन्नौज के नीरज मिश्रा की किस प्रकार से निर्मम हत्या की गई थी. बता दें कि एक पुराने इंटरव्यू में सीएम योगी से सवाल किया गया था कि आप हिंदू पहले हैं या भारतीय.

बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से ब्राह्मण नाराज बताए जा रहे हैं. कई लोगों का कहना है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में एक विशेष जाति के लोगों का वर्चस्व बढ़ा है. एक विशेष जाति के लोगों को ऐसा लगता है कि उन्हें बीजेपी की योगी सरकार में खुली छूट मिल गई है. इसके अलावा पिछले दिनों ब्राह्मणों को लेकर एक के बाद एक आरोप योगी सरकार पर लग चुके हैं.

इसके अलावा उत्तर प्रदेश की हकीकत तो यह है कि हर जाति धर्म के लोग बेरोजगारी और महंगाई से परेशान हैं और यह परेशानी सिर्फ उत्तर प्रदेश की नहीं बल्कि पूरे देश की बन चुकी है. लेकिन जनता के जरूरी मुद्दों पर बात करने के लिए बीजेपी के नेता और बीजेपी की सरकार तैयार नहीं है. बयानों को देखकर ऐसा लग रहा है कि, बीजेपी की सरकार खुद चाह रही है कि गैर जरूरी मुद्दों को हवा देकर जनता को जाति धर्म में बांटकर जैसे तैसे चुनाव जीत लिया जाए.

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